चीता सबसे पहले 2.6 करोड़ साल पहले मायोसीन युग मे दक्षिण अफ्रीका में देखे गए थे। तब इनका आकार बिल्ली जितना हुआ करता था। जब मुगल दक्षिण अफ्रीका पहुंचे तो उनके प्रभाव में आकर ये पांच वक्त नमाज अदा करने…
ज़ोया मंसूरी
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ऐतिहासिकईश्वर भक्तिज़ोया मंसूरीपरम्पराएसामाजिक
मर्कबाह रहस्यवाद, प्राचीन यहूदियों का एक प्राचीन रहस्यवाद
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 144 viewsमर्कबाह रहस्यवाद में मानव शरीर को दो त्रिकोणों के बीच स्थित ‘सेंटर ऑफ एनर्जी फील्ड’ के रूप में परिभाषित किया गया है। मर्कबाह रहस्यवाद में मानव शरीर को शक्ति का स्रोत माना गया है, एक ऐसा ऊर्जा क्षेत्र जो सात…
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लेखक के विचारचलचित्रज़ोया मंसूरीसामाजिक
मट्टो की साइकिल फ़िल्म समीक्षा
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 148 viewsसत्या ने फ़िल्म के लिए एक लाइन लिखी, ‘फ़िल्म में लोगों को उतना ही बुरा दिखाया गया है जितना लोग होते है और उतना ही अच्छा जितने वो होते हैं।’ किसी फिल्म को एक लाइन में कह देना बहुत बड़ी…
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राजनीतिज़ोया मंसूरीमुद्दासामाजिक
केजरीवाल और टीम खंड खंड के मुखिया
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 86 viewsटीम खंड खंड के मुखिया पंडित धनंजय को जब गुजरात में उनकी कम्पनी ने पिछवाड़ा पर लात मारकर भगा दिया तो ये देवरिया में अपने घर महेन आ गए। टीम खंड खंड में आपसी मनमुटाव के कारण चंदा आना बंद…
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साहित्य लेखकहानियाज़ोया मंसूरीज्ञान विज्ञान
महर्षि उद्दालक आरुणि के पुत्र
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 194 viewsअद्वैत वेदांत के महावाक्य ‘तत्वमसि’ का वाचन करने वाले महर्षि उद्दालक आरुणि के एक पुत्र थे, श्वेतकेतु जो पांचाल देश मे जन्मे थे और आज के उत्तराखंड में कहीं रहते थे। महावाक्य ‘तत्वमसि’ का अर्थ है “तुम वही हो, जो…
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गांव के स्कूल में नए मास्टरजी आये। उन्होंने सोचा किसी अच्छे लड़के को मोनिटर बना दूँ। अब उन्होंने एक के बाद एक लड़कों से सवाल पूछना शुरू किया। “स्कूल से छूटने के बाद घर पर जाके क्या करते हो ?”…
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ज़ोया मंसूरीज्ञान विज्ञानप्रेरणादायक
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 270 viewsसूर्य ग्रहण हालांकि एक खगोलीय घटना है लेकिन धार्मिक रूप से भारत मे लोग मानते रहे हैं कि सूर्य ग्रहण इसलिए होता है क्योकि एक राक्षस राहु भगवान सूर्य को निगल जाता है। निर्वाण प्राप्त करने वाले बुद्ध के धर्म…
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राजनीतिइतिहासज़ोया मंसूरीलेखक के विचारलेखकों की चुटकी
मुलायम सिंह यादव थे संघर्षों के नेता
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 121 viewsमुलायम सिंह यादव संघर्षों के नेता थे। हिंदुओं में हर जाति को साध रखा था उन्होंने, लेकिन बावजूद इसके उनकी राजनैतिक विचारधारा हमेशा से स्पष्ट रही है। अन्य नेताओं की तरह उनका चरित्र दोहरा नहीं रहा। उनके लिए मुसलमान प्राथमिकता…
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ऐतिहासिकज़ोया मंसूरीमुद्दालेखकों की चुटकीसामाजिक
मैसूर : टीपू एक्सप्रेस का नाम बदलकर वोडेयार एक्सप्रेस
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 125 viewsटीपू एक्सप्रेस का नाम बदलकर वोडेयार एक्सप्रेस कर दिया गया है। वोडेयार राजवंश के लोग खुद को भगवान कृष्ण के वंशज मानते थे और उनका दावा था कि वो द्वारिका से आए थे। जिसने विजय नगर साम्राज्य के अधीन लम्बे…
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ज़ोया मंसूरीईश्वर भक्तिजाति धर्ममुद्दासाहित्य लेख
देव और असुर
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 364 viewsपुराणों के अनुसार देव स्वर्ग में रहते हैं और असुर पृथ्वी के भीतर पाताल में। पृथ्वी के भीतर मौजूद हर सम्पदा असुरों की सम्पत्ति है और पृथ्वी के ऊपर की सम्पत्ति यक्ष की। भूमि का हर टुकड़ा, हर तालाब का…