मसाला समझते है न! दरअसल, यह भारतीय शब्द नहीं है फ़ारसी शब्द है अरबी होते हुए, मुगलों के जरिये भारत पहुँचा था।
इसका ट्रेलर बतला गया है कि भले ओरिजनल लेखक निर्देशक क्यों न हो, बॉलीवुड में निर्माताओं, मुख्य अभिनेता व डिस्ट्रीब्यूटर्स की डिमांड पर कहानियां बदली व लिखी जाती है। सधी हुई मूल कहानी की रीमेक में लेखक जोड़ी ने ‘मसाला’ डाला है। इसे जबरन कहे, या ओरिजनल से अच्छा करने की लालसा रही हो। इससे मूल कंटेंट की आत्मा भटकती प्रतीत हो रही है।
निःसन्देह इस फॉर्मेट में ट्रेलर दमदार है, तमिल विक्रम वेधा की तुलना में पाव भी नहीं है। हवाबाजी अधिक रखी है। ऋतिक का स्वैग सैफू को कच्चा चबा रहा है। लेकिन सैफू भी कम खिलाड़ी न है। डायलॉग भी पँच भरे सुनाई पड़ रहे है।
आइटम सॉन्ग भी रख लेते, मजा दुगुना हो जाता। आखिर डिस्ट्रीब्यूटर्स की अहम और सबसे अव्वल डिमांड रहती आई है। शायद लेखक जोड़ी भूल बैठी है ओरिजनल व रीमेक में तुलना न होगी। दर्शकों को अच्छे से याद है।