“अरे बिठोबा! कितने सुंदर लग रहे हो तुम और कैसी मादक सुगंध आ रही है तुमसे।” प्रसन्न किशोरी पुष्पवाटिका में पुष्पों को देखकर ताली बजा रही थी। “अरे विट्ठल! क्या अजीब स्वर निकालते हो तुम।” वही किशोरी गधे को रेंकते…
ईश्वर भक्ति
-
-
नयाईश्वर भक्तिमुद्दासच्ची कहानियां
भगवान परशुराम: जातीय नायक या राष्ट्रीय महानायक
by देवेन्द्र सिकरवार 154 viewsहिंदू संसार की एक ऐसी कौम जिसके लोग उसी डालों को काट रहे हैं जिस पर वे बैठे हुए हैं। हिंदुत्व का यह वृक्ष जिसकी प्रत्येक शाखा समान रूप से महत्वपूर्ण है, उन्हें कुछ लोग अपने जातीय अहं की कुल्हाड़ी…
-
मुद्दाईश्वर भक्तिदेवेन्द्र सिकरवारसामाजिक
हिंसक_एकेश्वरवाद_बनाम_करुणापूर्ण_सर्वेश्वरवाद
by देवेन्द्र सिकरवार 127 viewsविश्व शांति की एकमात्र गारंटी बहुदेववाद है, क्योंकि न केवल यह करुणापूर्ण #सर्वेश्वरवाद की सीढ़ी है बल्कि अकेला यही विचार है जिसका मानव जाति के रक्तरंजित इतिहास में रत्ती भर भी योगदान नहीं है। एकोपास्यवाद को छोड़िए……. सगर्व मूर्तिपूजा कीजिये…
-
जाति धर्मईश्वर भक्तिमधुलिका यादव शचीमुद्दालेखक के विचारसामाजिकसाहित्य लेख
ताजिया और हिंदुओं में मौलाना पैदा होना
by मधुलिका यादव शची 132 viewsएक वक्त था जब ताजिया निकलती थी तब सुन्नी मुसलमान ताजिया रोकने और ताजिया निकालने वालों को पीटने का बहाना खोजते थे…… अगर गलती से भी ताजिया का कोई सिरा किसी सुन्नी के घर को छू भी लेता था या…
-
ईश्वर भक्तिप्रेरणादायकरूद्र प्रताप दुबेलेखक के विचारसामाजिक
किस ‘शब्द’ से सिया को लंका में मिल गए थे राम …
by Rudra Pratap Dubey 168 viewsरामचरित मानस के सुन्दरकाण्ड में पहली बार हनुमान जी और माता सीता की भेंट होती है। ये भेंट इतनी सामान्य नहीं थी। दोनों एक दूसरे से पूर्ण अपरिचित, दोनों ऐसी जगह मिल रहे हैं जो पूरी तरह मायावी है और…
-
गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई। क्या वास्तव में मानस की कुछ पंक्तियों पर नए संदर्भों में मंथन की जरूरत है, या यह केवल राजनीतिक स्यापा है। प्रारब्ध ने विषय के कुछ…
-
दादी हमें देवासुर संग्राम की कथा सुना रही थी, जब दादी ने बताया कि संगम में भी अमृत की कुछ बूंदें गिर गयी थी जिसके कारण यहां भी कुम्भ लगता है और लोग संगम में स्नान करके पापमुक्त होकर स्वर्ग…
-
जाति धर्मईश्वर भक्तितत्वज्ञ देवस्यमुद्दासामाजिक
Saturation Point (Unfiltered Things)
by तत्वज्ञ देवस्य 166 viewsसैचुरेशन प्वाइंट (अनफिल्टर्ड विचार) कल उत्तरप्रदेश के एक प्रतिष्ठित नाइट मार्केट में जाना हुआ,वहां चहुं ओर,एक दूसरे से सटे फूड ज्वाइंट्स थे, जिसमें वेज–नॉन वेज सब अगल बगल बन रहा था,और लोग कुर्सियों पर,गाड़ियों में,बाइक पर, पेड़ के नीचे खड़े…
-
विक्रम संवत! भारत का प्रथम संवत। पर बहुत कम लोग जानते हैं कि इस संवत का मूल नाम #मालव_संवत था जिसे पहले ‘कृत संवत’ और फिर ‘विक्रम संवत’ घोषित कर दिया गया। -जिन ‘मालवों’ के नाम पर इसे ‘मालव संवत’…
-
ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)लेखक के विचारसामाजिक
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड अंतिम भाग
by सुमंत विद्वन्स 233 viewsसीता जी का यह अपमान देखकर लक्ष्मण को बहुत क्रोध आया किन्तु श्रीराम ने संकेत में उन्हें कुछ समझाया और तब लक्ष्मण ने सीता के लिए के लिए चिता तैयार कर दी। श्रीराम वहीं सिर झुकाए खड़े थे। उनकी परिक्रमा…