यह मूलतः एक शोधपरक लेख है, जो लगभग 4-5 पृष्ठों में लिखा गया है। यह प्रमाणित होता आया है कि आर्य कहीं बाहर से नहीं आए बल्कि भारत के मूल निवासी थे। हर नवीनतम शोध व अनुसंधान भी यही निष्कर्ष…
हमारे लेखक
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दयानंद पांडेयराजनीति
विदुर नीति शठे शाठ्यं समाचरेत् ! नहीं जानते नरेंद्र मोदी
by दयानंद पांडेय 109 viewsविदुर नीति शठे शाठ्यं समाचरेत् ! नहीं जानते नरेंद्र मोदी , थप्पड़ खाने के लिए दूसरा गाल परोसना ज़रुर जानते हैं लोगबाग कह रहे हैं कि क़ानून व्यवस्था के नाम पर पंजाब में अब राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।…
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पश्चिम बंगाल नरेंद्र मोदी का पहला गाल था। पंजाब दूसरा गाल है। अब गाल दोनों लाल हैं। आप को गांधी जी का यह कहा याद ही होगा कि कोई यदि तुम्हारे एक गाल पर थप्पड़ मारे तो उस के सामने…
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चिकित्सा जगतनितिन त्रिपाठीमुद्दाविदेश
अमेरिका में बच्चे का जन्म : नार्मल डिलेवरी और ओमीक्रोम कोरोना लहर
by Nitin Tripathi 80 viewsअमेरिका जैसे अति विकसित देशों में, जहां की मेडिकल सुविधाएँ तो सबसे शानदार हैं, वहाँ अधिसंख्य बच्चों की डिलीवरी नोर्मल होती है. माना जाता है बच्चे को जन्म देना एक प्राकृतिक नैसर्गिक क्रिया है, इसमें किसी डाक्टरी का कोई कार्य…
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नवीनतम प्रौद्योगिकीनितिन त्रिपाठी
ऍम आई का रोबोट वैक्यूम मोप उत्पाद समीक्षा
by Nitin Tripathi 91 viewsशहरों में मेड की समस्या बहुत कॉमन है. इंजीनियर आसानी से मिल जाते हैं, झाड़ू पोंछा वाली मेड नहीं मिलती. मिलती है तो रिलाएबल नहीं होती. इन दिनो मार्केट में रोबोट वैक्यूम क्लीनर आए हुवे हैं. मैंने रेडमी रोबोट वैक्यूम…
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अर्थव्यवस्थानितिन त्रिपाठीभारत निर्माणमुद्दालेखक के विचारसामाजिक
बदलता पंजाब विकसित से अविकसित प्रदेश की ओर
by Nitin Tripathi 103 views1. पंजाब भारत का सबसे विकसित प्रदेश है। फैक्ट: जमाने थे 1981 मे पंजाब प्रति व्यक्ति आय मे भारत मे नंबर एक होता था। 2001 तक यह चौथे नंबर पर और अब तो भारत मे उनीसवें नंबर पर आता है।…
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अर्थव्यवस्थाउमराओ विवेक सामाजिक यायावरसामाजिक
हमारी चारित्रिक-सड़ांध — झूठ, फरेब, दिखावा, अकर्मण्यता
by Umrao Vivek Samajik Yayavar 81 viewsशाब्दिक व दार्शनिक तर्कशीलता के मानदंडों में अद्वितीय व विलक्षण संस्कृति, व्यवहारिक धरातल की वास्तविकता में बहुत ही अधिक अमानवीयता व खोखलाहट को ही पोषित करती व जीती रही। दर्शन को व्यवहारिक-जीवंतता के स्थान पर केवल शाब्दिक तर्कशीलता तक ही…
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उमराओ विवेक सामाजिक यायावरमुद्दालेखक के विचार
संस्कृति संस्कार बनाम स्त्री
by Umrao Vivek Samajik Yayavar 94 viewsपुरुष ने अपनी स्त्री को जिस रूप में देखना चाहा; ईश्वर, ईश्वर-लोक व ईश्वर-लोक की स्त्री को उसी के अनुरूप ही गढ़ा। ताकि पुरुष अपनी स्त्री को सहजता से अपना बेहतर अनुगामी, आज्ञापालक-सेवक व भोग्या-दास बना सके और ऐसा होने…
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उमराओ विवेक सामाजिक यायावरकहानियामुद्दालेखक के विचार
स्त्री के प्रति हमारा नजरिया और शुचिता का आडंबर बनाम संस्कार संस्कृति
by Umrao Vivek Samajik Yayavar 71 viewsस्त्री को माहवारी झेलना पड़ता है, स्त्री गर्भवती होती है, स्त्री अपने गर्भ में बच्चे को नौ महीने पालती है और एक दिन स्त्री बच्चे को अपने यौनांग से धरती पर अवतरित कराती है। जीवन देने की क्षमता के कारण…