यूँ तो कृष्ण के चरणों की धूल के कण मात्र पर भी महाकाव्यों की रचना हो सकती है परंतु फिर भी उनके कालखंड में उनके चहुं ओर व्याप्त घटनाओं, व्यक्तियों व उपकरणों के प्रति मेरी अधिक आसक्ति रही है। उनका…
देवेन्द्र सिकरवार
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जब कोई पूर्वाग्रह किसी विषय से संबंधित हो तो प्रतिपाद्य सिद्धांत भी पूर्वाग्रह से दूषित ही निकलेंगे। यह समस्या केवल वामपंथियों की ही नहीं बल्कि आर्यसमाजियों, शास्त्रवादी जन्मनाजातिगतश्रेष्ठतावादियों, दलित चिंतकोंऔर शाकाहारवादियों की भी है। -वामपंथियों को किसी भी मूल्य पर…
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दूर क्षितिज से नगाड़ों की मद्धिम आवाज धीरे-धीरे तेज होती जा रही थी। युद्धरत हिंदू और मुस्लिम सैनिकों के कान खड़े हो गए। और फिर क्षितिज पर एक काला धब्बा सा उभरा। काला धब्बा बड़ा होने लगा मानो एक काला…
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किसी भी युद्ध में जय पराजय का निर्णय इस बात से होता है कि लड़ने वाले जानते हों कि लड़ने का मकसद क्या है। मुहम्मद की मक्का विजय से उमर की मृत्यु तक 14 साल के छोटे से अर्से में…
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विस्तृत विश्लेषण से पूर्व ही एक पंक्ति में भविष्य की एक चेतावनी अवश्य लिख देना चाहूँगा- देवेन्द्र सिकरवार भारत सरकार ने किसी भी स्थिति में यहाँ तक कि अमेरिका सहित पूरे विश्व द्वारा मान्यता देने की स्थिति में भी अगर…
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पिछले सत्तर साल से हर ओलंपिक पर यही प्रश्न उठता आ रहा है कि जनसंख्या के अनुपात में हमें उतने पदक क्यों नहीं मिलते जितने अन्य देशों को? दरअसल हम केवल ‘जनसंख्या और सुविधा’ केवल दो पैरामीटर्स पर ओलंपिक पदकों…