31 अक्तूबर, 1817 को रात 8 बजे ईस्ट इंडिया कंपनी के कप्तान फ्रांसिस स्टोंटो ने नेतृत्व में 500 सैनिकों, 300 घुड़सवारों, 2 बंदूकों और 24 तोपों के साथ एक सैनिक दस्ता पूना से रवाना हुआ। रातभर चलने के बाद अगले…
महिला लेखक
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ईश्वर भक्तिAkansha Ojhaसामाजिकसाहित्य लेख
भगवान शिव को ही रुद्र कहा जाता है।
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 170 viewsरुद्र जब व्यथित होकर घोर तपस्या पर बैठे, तो उनके नेत्रों से पृथ्वी पर कुछ अश्रुकण गिरे, जिनसे एक फल की उत्पत्ति हुई। उनके अश्रुकणों से उत्पन्न होने के कारण ही इसे रुद्राक्ष की संज्ञा दी गई। दुलर्भ ग्रंथ ‘निघण्टु…
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राजनीतिज़ोया मंसूरीमुद्दासामाजिक
केजरीवाल और टीम खंड खंड के मुखिया
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 140 viewsटीम खंड खंड के मुखिया पंडित धनंजय को जब गुजरात में उनकी कम्पनी ने पिछवाड़ा पर लात मारकर भगा दिया तो ये देवरिया में अपने घर महेन आ गए। टीम खंड खंड में आपसी मनमुटाव के कारण चंदा आना बंद…
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इतिहासAkansha Ojhaऐतिहासिकज्ञान विज्ञाननयासामाजिक
पूर्व काशी राजाधिराज स्व. विभूति नारायण सिंह जी की स्मृतियां
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 419 viewsविश्व संस्कृत प्रतिष्ठान, काशी विश्वनाथ न्यास परिषद का गठन और अध्यक्ष पदाधिकारी होने के साथ ही वेदों एवं संस्कृत के प्रकांड विद्वान महाराज बनारस, काशी के लोकप्रिय विद्वान शासक ही नहीं, काशी की संस्कृति के संरक्षक और सर्व विद्या की…
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साहित्य लेखकहानियाज़ोया मंसूरीज्ञान विज्ञान
महर्षि उद्दालक आरुणि के पुत्र
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 286 viewsअद्वैत वेदांत के महावाक्य ‘तत्वमसि’ का वाचन करने वाले महर्षि उद्दालक आरुणि के एक पुत्र थे, श्वेतकेतु जो पांचाल देश मे जन्मे थे और आज के उत्तराखंड में कहीं रहते थे। महावाक्य ‘तत्वमसि’ का अर्थ है “तुम वही हो, जो…
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Akansha Ojhaईश्वर भक्तिपरम्पराएभारत निर्माण
स्वयं देव उतरते हैं काशी में देव दीपावली के दिन
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 186 viewsस्वयं देव उतरते हैं हमारी मोक्षनगरी काशी में देव दीपावली के दिन महादेव का स्तुति वंदन करने के लिए सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु अपनी चातुर्मासीय योगनिद्रा में लीन होते हैं। इसलिए देवोत्थानी एकादशी को श्रीहरि जब अपनी योगनिद्रा त्याग…
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गांव के स्कूल में नए मास्टरजी आये। उन्होंने सोचा किसी अच्छे लड़के को मोनिटर बना दूँ। अब उन्होंने एक के बाद एक लड़कों से सवाल पूछना शुरू किया। “स्कूल से छूटने के बाद घर पर जाके क्या करते हो ?”…
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ज़ोया मंसूरीज्ञान विज्ञानप्रेरणादायक
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 406 viewsसूर्य ग्रहण हालांकि एक खगोलीय घटना है लेकिन धार्मिक रूप से भारत मे लोग मानते रहे हैं कि सूर्य ग्रहण इसलिए होता है क्योकि एक राक्षस राहु भगवान सूर्य को निगल जाता है। निर्वाण प्राप्त करने वाले बुद्ध के धर्म…
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राजनीतिइतिहासज़ोया मंसूरीलेखक के विचारलेखकों की चुटकी
मुलायम सिंह यादव थे संघर्षों के नेता
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 163 viewsमुलायम सिंह यादव संघर्षों के नेता थे। हिंदुओं में हर जाति को साध रखा था उन्होंने, लेकिन बावजूद इसके उनकी राजनैतिक विचारधारा हमेशा से स्पष्ट रही है। अन्य नेताओं की तरह उनका चरित्र दोहरा नहीं रहा। उनके लिए मुसलमान प्राथमिकता…
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ऐतिहासिकज़ोया मंसूरीमुद्दालेखकों की चुटकीसामाजिक
मैसूर : टीपू एक्सप्रेस का नाम बदलकर वोडेयार एक्सप्रेस
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 163 viewsटीपू एक्सप्रेस का नाम बदलकर वोडेयार एक्सप्रेस कर दिया गया है। वोडेयार राजवंश के लोग खुद को भगवान कृष्ण के वंशज मानते थे और उनका दावा था कि वो द्वारिका से आए थे। जिसने विजय नगर साम्राज्य के अधीन लम्बे…