अगर मैंने मूल कंटेंट न देखा होता या कहे 10 साल पहले के माहौल में कंटेंट रीमेक होता, उस स्थिति में यक़ीनन इसके टीजर के बिनाह पर फ़िल्म को अवश्य देखता। इसमें दम है और ट्रेलर व फ़िल्म के बाहुबल को दर्शा रहा है। हालांकि अब भी देखूंगा, परन्तु ओटीटी या अन्य साधनों की सहायता लेकर, नज़दीकी सिनेमाघरों में जाने की कतई इच्छा नहीं है।
निःसन्देह लेखक निर्देशक पुष्कर-गायत्री की जोड़ी ने ऋतिक रोशन को संभाल लिया। मुझे संदेह था, कि कैसे विजय सेतुपति की एक्टिंग का ट्रांसफॉर्मेशन वेधा को दे पाएंगे। डायलॉग डिलवरी में मात खा जाते है, इसमें डायलॉग डिलवरी पर काबू रखा है। ऋतिक का लुक व स्टाइल कातिल है कातिल, सवा मिनट के टीजर में कत्ल कर गए है। सैफ अली खान बेहतरीन लग रहे है, इन्हें वेधा भी दे दिया जाता, तो भी जान फूंक देते।
फ़िल्म के सेट कहानी से मिसमैच कर रहे है, थोड़ी जल्दबाजी भी है ट्रेलर में का इंतज़ार करेंगे। उसके बाद साफ़ होगा।फ़िल्म के हक में एक बात न जाएगी, जो बहुत बड़ा फाल्ट साबित हो सकता है। ओरिजिनल कंटेंट को दर्शक देख चुके है और उनके जेहन में आर माधवन और विजय चस्पा है।