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कोविड टेस्टिंग सेंटर- कैनबरा

by Umrao Vivek Samajik Yayavar
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आज हम लोग कैनबरा में एक कोविड-सेंटर में टेस्टिंग कराने गए। इस कोविड-सेंटर में किसी भी सवारी को एक क्षण के लिए भी कार से नीचे नहीं उतरना पड़ता है। लगभग तीन घंटे लंबी प्रतीक्षा कार में करनी पड़ी, हजारों कारें लाइनों में थीं। कैंपस में घुसते ही कार में जितनी सवारियां होती हैं सबको मेडिकल-ग्रेड का मास्क दिया जाता है, मास्क पहन कर आप अपनी कार को आगे बढ़ाते हैं। जहां कारें लाइन में खड़ी होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करतीं हैं, वहीं कई जगह टायलेट की व्यवस्था भी रहती है।

 

टेस्टिंग के लिए जब आपकी कार का नंबर आता है तब आपकी कार टेस्टिंग-स्टेशन के अंदर पहुंचती है। टेस्टिंग-स्टेशन के अंदर कई कारों की सवारियों की टेस्टिंग करने के लिए कई लेन्स बनी होती हैं। हर एक लेन पर कई-कई नर्स होते हैं, कई-कई पोर्टेबल व चलायमान कम्प्यूटर होते हैं।

 

पहली नर्स आपका नाम पूछती है, नाम बताते ही यदि आप कैनबरा के निवासी हैं तो कुछ ही सेकंडों में आपका नाम पता मोबाइल नंबर इत्यादि जानकारी उनके कम्प्यूटर पर आ जाती है। आपसे कन्फर्म किया जाता है। आपको अपना मेडिकेयर नंबर देना होता है। कम्प्यूटर से पोर्टेबल प्रिंटर कनेक्ट होता है, आपके सैंपल के लिए स्टिकर व दस्तावेज प्रिंट होता है। दस्तावेज आपकी कार के फ्रंट स्क्रीन पर लगा दिया है। स्टिकर आपके लिए जो सैंपल प्रयोग होगा उसके लिए होता है।

 

आपकी कार आगे बढ़ती है। कई नर्सें पूरी तरह से पैक पीपीई किट पहने हुए आपके पास आती हैं, आपकी कार की स्क्रीन पर लगा दस्तावेज निकालती हैं। आपसे फिर आपकी जानकारियों का कन्फर्मेशन किया जाता है। आप कार का शीशा नीचे गिराते हैं, मास्क हटाते हैं और आपका सैंपल लिया जाता है (मुंह व नाक दोनों से)। सैंपल देकर आप घर की ओर जाने के लिए कार आगे बढ़ा देते हैं।

 

ऑस्ट्रेलिया में चिकित्सा व स्वास्थ्य संबंधित किसी भी टेस्ट का सैंपल व परिणाम इत्यादि के संदर्भ में जीरो टालरेंस पालिसी होती है। सैंपल किसी का हो, नाम किसी का हो, रिपोर्ट किसी की हो, इत्यादि की गलती नहीं होती है। मान लीजिए ऐसी असंभव गलती हो भी जाए तो ऊपर से नीचे तक सभी बर्खास्त होते हैं, दंड अलग से।

लगभग 7—9 दिनों पहले बड़े वाले साले साहब, सरहज (जापान से हैं) व उनके दोनो बच्चे कुछ दिनों के लिए हम लोगों के पास कैनबरा आए थे, तब तक उनको कोविड के दूर-दूर तक कोई लक्षण नहीं थे। कैनबरा से जाने के बाद जब साले साहब को कुछ दिन पहले कोविड पाजिटिव हुआ, तब उन्होंने तुरंत हम लोगों को बताया, ताकि हम लोग जरूरी कदम उठा सकें। कैनबरा के नियमों के अनुसार यदि किसी को कोविड पाजिटिव होता है तो पाजिटिव आने के कई दिनों पहले भी संपर्क में रहने वालों को कोविड टेस्ट कराना होता है। इसलिए आज हम तीनों लोग कोविड-टेस्ट कराने गए थे, मैं बेगम-साहिबा और आदि तीनों।

 

टेस्टिंग कराने के आने के बाद हम लोगों ने अपने पड़ोसियों को सूचना दी कि हम लोग कोविड पाजिटिव के क्लोज-कांटैक्स हैं, कोविड-टेस्टिंग करवा कर आए हैं। संभवतः हम लोग भी कोविड-पाजिटिव हो सकते हैं। ऐसा हम लोगों ने इसलिए किया ताकि पड़ोसी लोग हम लोगों के संपर्क में आने से सतर्क रहें।
साले साहब के संपर्क में आए हुए हम लोगों लगभग 10 दिन हो चुके हैं। हल्के-फुल्के लक्षणों के साथ हरारत सी लग रही है, देखते हैं कि कोविड के लक्षण इतने ही रहते हैं या फिर गंभीरता की ओर बढ़ते हैं। हम लोग यह मानकर चल रहे हैं कि हम लोगों को कोविड-पाजिटिव आएगा। परिणाम आने में कुछ कम अधिक लगभग 48 घंटे लग जाते हैं।

यदि कोविड-पाजिटिव आता है तो स्वास्थ्य-विभाग के डाक्टर संपर्क करते हैं। मोबाइल पर एक एप्लिकेशन इन्स्टाल करना होता है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग पंजीकरण करता है। उस एप्लिकेशन में समय-समय अपने लक्षणों की जानकारी देते रहना होता है, आपके लक्षणों के आधार पर आपकी स्थिति का मूल्यांकन होता रहता है। यदि किसी प्रकार की मशीन इत्यादि की जरूरत पड़ती है तो सरकार आपके घर में पहुंचाती है। यदि विभाग को लगता है कि आपका इलाज अस्पताल में होना चाहिए या आपके लक्षण गंभीर होते हैं तो सरकार आपको घर से ले जाती है अस्पताल में भर्ती करती है।

 

यदि स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती है कि अपडेट न दे पाऊं, सामान्य या हल्के-फुल्के लक्षण रहते हैं तो व्यवस्था की जानकारियों के साथ आपको अपडेट देता रहूंगा।
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