Home लेखक और लेखपुष्कर अवस्थी मैंने जीवन में जब से होश संभाला है तब से ……

मैंने जीवन में जब से होश संभाला है तब से ……

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मैंने जीवन में जब से होश संभाला है तब से मैंने अपने घर में पशु/पक्षी पलते हुए देखे है। इसलिए, स्वाभाविक रूप से मेरे माता पिता की यह मूल प्रकृति मेरे में भी विद्यमान है। बचपन से ही घर में कुत्ते, ख़रगोश, कबूतर और मोर पलते हुए देखा तो शुरू से मेरी रुचि भी इसी में रही है। जब मैं थोड़ा परिपक्व हुआ और नौकरी करने लगा तो मुझे कुत्ते, कबूतर, ख़रगोश, तोते से तो लगाव था ही लेकिन मछलियाँ भी आकर्षित करने लगी थी। हमने पाला तो ज़मीन वाला कछुआ भी था, काफ़ी बड़ा था लेकिन एक दिन वह घर से टहल कर लॉन पहुँचा और फिर कभी भी नही मिला। मैं अब भी ज़मीन वाला कछुआ पालने का इच्छुक हूँ लेकिन मिल ही नही रहा है।

ख़ैर, बात इधर उधर हो गई है, अब मछली पर आता हूँ। मेरे मछली के प्रति आकर्षण का परिणाम यह हुआ की जीवन में 1985/86 में पहली बार 2’ ×1.5’×1’ का ऐक्योरियम ले आया( इसमे करीब 35 साल तक मछलियां पाली, 2020 में आकर चटकने से बेकार हुआ) और मछलियाँ पाली। मैं नया नया इस हॉबी में आया था तो कुछ विशेष नही मालूम था। जिसका परिणाम यह हुआ की मछलियाँ अक्सर मेरे हाथों मरती रही और मैं यही समझता रहा की यह सामान्य बात है। जब मेरा स्थानांतरण लखनऊ से बाहर चुर्क और चुनार हुआ तो मेरे इस मछली प्रेम पर विराम लग गया। लेकिन जब 1989 में डाला स्थानांतरित हुआ और वहां से कार्य से बराबर कलकत्ता जाना हुआ तो मछली प्रेम फिर उमड़ आया। तब से यह मेरे जीवन का अभिन्न अंग है।

यहाँ यह अवश्य कहूँगा की 2000/2001 तक मैं ऐक्योरियम शौक़िया ही रखता था लेकिन पिछले अनुभवों के कारण और मछलियों की विभिन्न परजातियों की समझ बढ़ने के कारण मैं इनको लेकर अब गंभीर हो चुका था। मेरे पास 1985 में ख़रीदा हुआ ऐक्योरियम तो था ही साथ में एक बड़ा 3 फ़िट का भी ले लिया ताकि विभिन्न प्रकार की मछलियाँ पालने का सुख ले सकूँ। इसके अलावा फ़िश बोवल में भी पाली लेकिन जल्दी समझ में आगया की मुझ में इतना ज्ञान नही हुआ है बोवल में मछलियों को सँभाल सकूँ तो साल भर में ही उससे किनारा कर लिया।

मैंने अब 2019 में सेवा से निवर्त होने के बाद से मछली पालने को लेकर ज़्यादा गंभीर हो गया हूँ और अब तो प्लांटेड सेटप( एक्वेटिक प्लांट्स, इसका संरक्षण कठिन है)की तरफ़ चला गया हूँ। घर के लॉन में 9 फ़िट बाई 3 फ़िट बाई 3’6” का तालाब बनवाया है जिसमें मैं सिर्फ़ जापानी क़ोई(Koi) और गोल्ड फ़िश पालता हूँ। इसके अलावा 4 ऐक्योरियम हैं, जिसमें तीन प्लांटेड हैं( इसने एक नानों, एक फ़िट का क्यूब वाला जिसमें shrimp और beta फ़िश ब्रीडिंग के लिए )और चौथा अभी बैरबोट्टोम( तलहटी साफ़) हैं जिसकी मुझे अब आक्वा इसकेपिंग करनी है(इसमें लकड़ी, पहाड़ी पत्थर और लावा रॉक का प्रयोग कर, जंगल या ब्लैक वाटर का रूप देने का प्रयास करूँगा)।

आप लोग यह ज़रूर सोंच रहे होंगे की यह सब क्या है? अब क्यूँकि राजनैतिक या विचारधारा उन्मुख लेखन पर स्वयं ही विशेष कारणो से विराम लगा दिया है तो जहां मन लगा रक्खा है, अब उस पर ही तो स्वर फूटेंगे! आज मेरा इस पर लिखने का कारण यह है कि मैं यह जानना चाहता हूँ कि क्या कोई और मित्र है जो इस हॉबी में हैं, गम्भीर है? क्या कोई हैं जो clear glass का 5 से लेकर 7 गैलन वाला विभिन्न आकार के बोवल की उपलब्धता के बारे में जानकारी रखता है क्यूँकि मैं इन bowl में नोन फ़िल्टर प्लांटेड आक्वा एसकेपिंग करना चाहता हूँ और प्रियजनों को एक निशानी के तौर में भेंट करना चाहता हूँ।

pushkerawasthi

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