पाकिस्तान के कम्युनिस्ट दलित लेखक अब्दुर रशीद धोलका(भंगी/मुसल्ली) अपने लेख क़ौमी मसला(राष्ट्रवाद की समस्या) में लिखते हैं…
“हज्जाज बिन यूसुफ( हज्जाज पुत्र यूसुफ) ने सिंध पर आक्रमण का आदेश प्राप्त करने के लिए जो आवेदन प्रथम खलीफा को दी, उसमें सिंध के तट के पास अरब व्यापारियों के लूटने की कोई चर्चा मौजूद नही है। वह राजा दाहिर के राज्य में अपने एजेंटों के ताक़त के संकेत से, उस सैनिक अभियान की सफलता की फ़रमाईश, उस पर होने वाला व्यय और प्राप्त होने वाला लूट का माल, लाभ, खलीफा, गवर्नर और सेना को प्राप्त होने वाले धन का लेख जोखा प्रस्तुत करके आक्रमण के आदेश का इक्षुक है।…..”
अनुवाद:फ़ैयाज़ अहमद फैज़ी