कुछ जाहिल गंवार लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि औरंगज़ेब के जमाने मे बिजली तो होती नही थी तो फव्वारा कैसे चलता था ??
इन लोगों को ये इल्म नही कि आसमान से जो रायता उतरता था उसमें दुनिया जहान का इल्म होता था ।
दुनिया जहान की Science , Arts , Commerce फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी सब रायते में थी ।
उसी रायते में ये इल्म था कि जैसे धरती के अंदर पाताल में जो गर्मी है उसे GeoThermal Energy कहते हैं उसी तरह ईमानदार लोगों की G में भी असीमित ऊर्जा होती है ….. उसे AnoThermal Energy कहते हैं ।
उस ऊर्जा को Tap करने की आसमानी टेक्नीक भी बहुत आसान है । किसी भी ईमानदार आदमी की G में …… जब वो सिर नीचे G ऊपर कर बैठा हो ……. एक मोटा सा पर अंदर से खोखला बांस डाल दो ।
बस इतनी सी टेक्नोलॉजी है । AnoThermal ऊर्जा प्रवाहित होने लगेगी । इसमे बस इतना ध्यान रखना है कि जो Energy सोर्स है वो अपनी G भीच के रखे ।
उस ऊर्जा से चाहे जितने फव्वारे चला लो ।
इसलिये आप लोग औरंगजेब के फव्वारे पे सवाल उठाना बंद कीजिये ।