श्री लंका की क्राइसिस को एक अन्य दृष्टिकोण से देखने का आग्रह करूँगा। इस समय 2.2 करोड़ जनसँख्या वाले श्री लंका पर 5100 करोड़ डॉलर का विदेशी उधार है। पिछले वर्ष जीडीपी थी 8500 करोड़ डॉलर। 9 मार्च तक एक…
अमित सिंघल
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अमित सिंघललेखक के विचारसामाजिक
घरेलु कार्य में हाथ बटाना ही नारी का असली सशक्तिकरण है।
by अमित सिंघलby अमित सिंघल 260 viewsएक रिपोर्ट पढ़ी थी कि जापान में कामकाजी महिला एक सप्ताह में औसतन 25 घंटे घर में कार्य करती है, जबकि उसका पति घरेलु कार्य में पांच घंटे से कम योगदान देता है। जापान हो या भारत, एक महिला को…
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अमित सिंघलजाति धर्ममुद्दालेखक के विचार
सनातन धर्म के स्वयंघोषित पुरोधा
by अमित सिंघलby अमित सिंघल 350 viewsएक कष्ट बना हुआ है। अधिकतर लोग जो सनातन धर्म के स्वयंघोषित पुरोधा है, समाचारो को मूल स्रोत से नहीं पढ़ना या देखना चाहते है। उन लोगो से अधिक शिकायत है जो किसी वित्तीय संस्थान, सरकार, या देश-विदेश के कॉरपोरेट…
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अमित सिंघलभारत निर्माणराजनीति
एक यूरिया बोरी की ताकत आधा लीटर बोतल में समा गई है।
by अमित सिंघलby अमित सिंघल 207 viewsप्रधानमंत्री मोदी ने मई अंत में बताया कि यूरिया की आधा लीटर बोतल किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी। इसके कारण जाएगा ट्रांसपोर्टेशन, स्टोरेज, एवं रख-रखाव के व्यय में भारी कमी आएगी जिससे छोटे किसानों को…
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अमित सिंघलअर्थव्यवस्थाराजनीति
“मुफ्त बेचना नहीं है, कमाना है आपको”।
by अमित सिंघलby अमित सिंघल 187 viewsप्रधानमंत्री मोदी ने 30 जून को कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) से ही आत्मनिर्भर भारत अभियान को सिद्धि मिलेगी, भारत सशक्त होगा। भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग एक तिहाई हिस्सेदारी MSME सेक्टर की है। भारत आज अगर…
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राजनीतिअमित सिंघलसामाजिकसाहित्य लेख
मोदी सरकार के तीन वृहद लक्ष्य
by अमित सिंघलby अमित सिंघल 205 viewsमोदी सरकार का प्रथम लक्ष्य है भ्रष्ट अभिजात वर्ग का रचनात्मक विनाश करना; जो वह कर रहे है। इस वर्ग के विनाश से ही अराजक तत्वों का विध्वंस हो जाएगा क्योकि यही सड़ा-गला अभिजात्य वर्ग इन तत्वों को पाल-पोस रहा…
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अमित सिंघलनयाभारत वीरमुद्दाराजनीतिरोजगार
वाह-वाही एवं जय-जयकार किसे अच्छा नहीं लगता है?
by अमित सिंघलby अमित सिंघल 184 viewsकिसी भी समाज एवं अर्थव्यवस्था को जकड़न से निकालने के लिए, व्यवस्था को बदलने के लिए जो भी निर्णय लिया जाएगा, उससे एक बड़ी संख्या में नागरिकअसंतुष्ट रहेंगे और उसका विरोध करेंगे। चाहे सरकार कितना भी आंकलन कर के; प्रचार…
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अमित सिंघलअपराधजाति धर्ममुद्दाराजनीतिसामाजिक
लोकतंत्र वोट एवं बहुमत से चलता है
by अमित सिंघलby अमित सिंघल 230 viewsएक बात नोट करने योग्य है। एक अति विशाल संख्या के सनातनी लोग दंगाइयों के विरूद्ध चाहे कितना भी आक्रोश दिखला ले, सनातन धर्म का अपमान करने वालो के विरोध में भृकुटियां तान ले, मोदी-शाह को गरिया ले, उनके वोट…
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1980 के दशक में प्रयागराज विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र में MA की पढ़ाई करते समय किसी लेक्चर में सुना था कि कांग्रेस पार्टी एक बरगद के पेड़ की तरह है. जैसे बरगद का पेड़ अपने नीचे किसी अन्य पेड़ को…
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कश्मीर में कुछ समय से आम नागरिको की हत्या का समाचार हेडलाइंस में है। आकड़े क्या कहते है? इस वर्ष आतंकियों ने अब तक 18 सिविलियन्स मार दिए है। इनमे से 12 मुस्लिम है; बाकी हिन्दू। मई 2014 से 4…