Home विषयअपराध अब कर्नाटक हत्याकांड क्यों चुप है देश का चौकीदार

अब कर्नाटक हत्याकांड क्यों चुप है देश का चौकीदार

देवेन्द्र सिकरवार

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उदयपुर में कन्हैयालाल हत्या प्रकरण के बाद मैंने लिखा था कि नुपूर शर्मा प्रकरण के बाद किसी भी उद्देश्य के लिए क्यों न साधी गई हो, मोदीजी की चुप्पी हिंदू मनोबल पर घातक प्रहार करेगी।

इस प्रकरण में कोई भी सार्थक तर्क न होते हुए भी हम सोशल मीडिया पर दो हिस्सों में बंट गए जबकि हमें सरकार पर दवाब बनाना था कि उदयपुर कांड को इ स्लामिक आतंकवाद के वीभत्स प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करे।

पर ऐसा हो न सका।
हमारे लोगों ने ही व्यर्थ के मूर्खतापूर्ण तर्क देकर और मामले को अब्बास, नीले गमछे आदि घटिया प्रश्न उठाकर उदयपुर के मूल मुद्दे को सोशल मीडिया पर ट्रेंड बनाने के आधार को किनारे करवा दिया जबकि हमें उदयपुर हत्याकांड के मुद्दे पर अड़े रहना था। अभी एक बंधु कह रहे हैं कि कर्नाटक में हुई हिंदू हत्या पर क्यों नहीं लिखते? क्यों लिखूं?

मैं मुद्दा उठाता हूँ और तुम लोग मूर्खतापूर्ण ढंग से आरक्षण, एट्रोसिटी, नीला गमछा बनाम भगवा गमछा, अर्थव्यवस्था, मंहगाई जैसे अंडे उसी पोस्ट पर हगने लगते हो और चिपलूनकर जी जैसे विघ्नसंतोषी आकर नंगनाच करने लगते हैं और नतीजा यह होता है कि मुझे मुद्दे को समेटना पड़ता है और पोस्ट के ही विरुद्ध उत्तर देने पड़ते हैं।

हिंदुओं को न तो मुद्दे उठाने की और न नैरेटिव की समझ आएगी। ऊपर से स्वयं को एकमात्र हिंदुत्ववादी मानने वाला एक मूढ़ समुदाय ऐसा है जो सरकार से कोई भी मांग करने भर से आकर मुझे राजनीति और कूटनीति के वे पाठ पढ़ाने लगता है जो यहीं इस वॉल पर कभी उठाये थे।

बिना रोये तो माँ भी बच्चे को दूध नहीं पिलाती फिर ये तो निष्ठुर राजनीतिज्ञ हैं जिनकी प्राथमिकता सत्ता है और इस मामले में मोदी, शाह कोई अपवाद नहीं हैं। अस्तु! तो जैसा मैंने भागवत जी के बयान और नुपूर शर्मा प्रकरण के बाद कहा भी था कि अब मु स्लिम हिंसा का नंगनाच करेंगे और हिंदू डरेंगे क्योंकि सत्ता ही डरी हुई दिख रही है।

कर्नाटक में हुआ हत्याकांड इसकी अगली कड़ी है। कर्नाटक में हुई भाजपा कार्यकर्ता की हत्या और हत्या के विरोध में कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर पुलिस एक्शन से क्षुब्ध कार्यकर्ताओं का विद्रोही रुख पूर्णतः न्यायोचित है। मोदीजी जल्दी कुछ कीजिये इससे पहले कि आपके कवच अर्थात कार्यकर्ता ही विक्षुब्ध होकर आपकी गाड़ी को उलटने पर उतारू न हो जाएं।

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