मैं योगी आदित्यनाथ ईश्वर की शपथ लेता हूँ भाग 1
योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश में दोबारा फिर से एक बार मुख्यमंत्री के पद के लिए ताजपोशी की गयी तो चलिए जानते है कौन है योगी आदित्यनाथ
पंचुर गाँव ,पौड़ी गढ़वाल जिला ,यमकेश्वर तहसील ,उत्तराखड में एक गढ़वाली क्षत्रिय के घर योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट और माँ का नाम सावित्री देवी है पिता एक फॉरेस्ट रेंजर थे जिनकी मृत्यु 20 अप्रैल 2020 को हो चुकी है योगी जी के माता पिता की सात संताने है इनसे बड़ी तीन बहने और एक भाई है उसके बाद योगी आदित्यनाथ पाचवे स्थान पर है इसके बाद इनसे छोटे दो भाई है 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य बन गए 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे। इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने का इनका प्रयास असफल रह गया।
इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश तो लिया लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया। 1993 में पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए और एक साल अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ के साथ रहने के बाद 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए और अपना नाम अजय सिंह बिष्ट से बदल कर योगी आदित्यनाथ रख लिया
12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ जो की इनके चाचा थे के निधन के बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया। अभी तक योगी आदित्यनाथ राजनितिक सफर में इतना जुड़े हुए नहीं थे लेकिन फिर भी ….
सबसे पहले 1998 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और जीत गए। तब ये केवल 26 वर्ष थे वे बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से पुनः सांसद चुने गए। सांसद चुनने के बाद योगी आदित्यनाथ का राजनितिक सफर चल पड़ा इसलिए इसके बाद अप्रैल 2002 में इन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।
हिन्दू युवा वाहिनी
हिन्दू युवा वाहिनी एक हिंदूवादी संगठन है, जिसके संस्थापक गोरक्षपीठाधीश्वर गोरक्षपीठ गोरखपुर और वर्तमान उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी हैं। वर्ष 2002 के अप्रैल माह में श्री राम नवमी के पर्व पर योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रवादी नवयुवकों को संगठित कर हिन्दू युवा वाहिनी की आधारशिला रखी। 9वर्षों में इसका विस्तार उत्तर प्रदेश के सभी 72 जनपदों के 86 इकाईयों में हुआ है
योगी आदित्यनाथ 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता और 2009 में दो लाख से ज्यादा वोटो से विजयी होकर लोकसभा पहुंचे यह किस्मत के धनी होने के वजह से बार बार विजयी हुए इसलिए 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए। 2014 में जब भाजपा का परचम लहरा रहा था उसके बाद विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए तब योगी आदित्यनाथ से खूब प्रचार कराया गया था लेकिन उसके बाद भी परिणाम निराशा जनक रहे इसके बाद 19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया
सफरनामा जारी रहेगा….