Home विषयजाति धर्मईश्वर भक्ति सबके भीतर श्री कृष्ण और अर्जुन

सबके भीतर श्री कृष्ण और अर्जुन

166 views
हम सबके भीतर श्री कृष्ण और अर्जुन हैं..
और
जब जब हमारे भीतर का अर्जुन सामने खड़े शत्रुओं को समय के साथ और शक्तिशाली,प्रभुत्वशाली,बलशाली होते देखता है..
तो निराश हो,गांडीव त्यागने का विचार करने लगता है..
युद्ध से पीछे हटने के विचार उसके मन में आने लगते हैं
क्योंकि युद्ध उसका परायों से नहीं,उनसे है जो उसके एक रूप से अपने हैं..
तब हमारे भीतर के श्री कृष्ण कहते हैं:
“सुनो पार्थ
अपने शत्रु को पल पल शक्तिशाली होता देख
घबराना मत कभी..
तुम्हारा शत्रु जितना शक्तिशाली होगा..
युद्ध में उससे लड़ने में उतना ही अधिक आनंद आएगा..
तुम्हारा शत्रु जितना बलशाली होगा..
युद्ध में तुम्हारी जीत उतनी ही बड़ी होगी.,
किसी कमज़ोर शत्रु को
पराजित करने हेतु तुम्हारा जन्म हुआ ही नहीं है,
तुम्हारा जन्म हुआ है..
अतिबलशाली विशाल सेना से युद्ध करने हेतु..
जय पराजय की चिंता त्याग,
गांडीव उठाओ
और
युद्ध करो..
बाकी सब मैं संभाल लूंगा.!”
जय जय श्री कृष्ण

Related Articles

Leave a Comment