हम मैरिज के बाद काफी परेशान होती… हमको चाइल्ड्स न हो रही होती… हम बहुत जगह दिखाई होती.. दुनिया का डिफरेंट-डिफरेंट कंट्री में घूमी होती.. बहुत इलाज कराई होती.. लेकिन किधर से भी कोई रिजल्ट न मिली होती… हम दोनों बहुत मेहनत करती.. घर के अंदर भी और बाहर भी.. लेकिन डियर वाईफ का पेट न बाहर होती।
उम्र निकला जा रहा था और चाइल्ड न हो रही थी.. मैं काफी दुखी और परेशान रहने लगा था.. वाइफ हमको बोलने लगी थी कि हम चाइल्ड अडॉप्ट कर लेते है न .. लेकिन मेरा मन नहीं मान रहा था.. मुझे पक्का विश्वास था कि मेरा खुद का अपना चाइल्ड होगा.!
और मैं इसी क्रम में बाबा येशु के शरण में आया।.. हलेलुइया .. हलेलुइया।
पास्टर बाबा ने हमारी तकलीफ़ को जाना.. उन्होंने ईश्वर से संपर्क साधा,संवाद किया.. फिर मैं और मेरी वाइफ जी.. … … यू नो न .. यू कैन सी.. (पार्श्व ध्वनि गूंज रही.. सब हाथ खड़े करके .. हलेलुइया हलेलुइया।।।)
पास्टर बाबा ने मुड़ी पकड़ कर वाइफ जी को ऊर्ध्व दिशा में रख कर जैसे ही “भुसस्ससस्ससस्स….!” किया वैसे ही वो हुआ जिसकी मुझे वर्षों से इंतजार था।
(पार्श्व ध्वनि पुनः तिगुने वेग से गूंजने लगी… हलेलुइया… हलेलुइया…!)
“पहले हम दो थे…!”
“फिर??”
“अब तीन होने वाले हैं..!”
मेरा येशु येशु… मेरा येशु येशु…!
आमीन।