जोशी मठ की दरारें ही नहीं , सनातन धर्म के लोग जो आसमानी किताब के ढोंग और चमत्कार से खिंचे जा रहे हैं और जो दरार हमारे समाज में पड़ रही है उसे भरने की आज आवश्यकता है .. एक…
तत्वज्ञ देवस्य
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जाति धर्मतत्वज्ञ देवस्यमुद्दालेखक के विचारसाहित्य लेख
बागेश्वरधाम सरकार_vs_श्याममोहन
by तत्वज्ञ देवस्य 193 viewsआप मुसीबतों से इतना घबरा चुकें है कि आपके सामने कोई रास्ता न बचा हो उसी वक्त कोई आपको बतायें कि फलानी जगह चलो वहां पर बस अपनी समस्या बता देना समाधान मिल जायेगा… हर तरफ से हार चुके इंसान…
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मुद्दातत्वज्ञ देवस्यसामाजिक
विद्यालय_और_देवालय_में_रील्स_बनाना_कितना _सही?
by तत्वज्ञ देवस्य 174 viewsये हरिद्वार हर की पैड़ी पर रील बनाई गई है, कितनी कला है इनमें, ओह मेरी ही सोच घृणित है, मेरी ही मानसिकता तुच्छ है,गुरु ने स्कूल में रील बनाई तो मैंने उसे लाइक्स की भूख की संज्ञा दे कर…
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पढ़ाने से अधिक रील्स और वीडियो बनाने पर अधिक फोकस करने वाले शिक्षकों ने,बच्चों को उत्पाद की तरह प्रयोग करना आरंभ कर दिया है,बच्चे को सही संस्कार सिखाने की जगह ये सब उसके साथ किया जा रहा है,पीछे खड़े बच्चों…
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सबसे पहले,410 करोड़ के मेगा बजट की दस वर्षों में बनी,निर्देशक अयान मुखर्जी की फैंटेसी फिल्म जो स्वयं को सनातन धर्म से अपनी जड़ों को जोड़ने वाली मूवी घोषित करती है,उस #ब्रह्मास्त्र में क्या है ऐसा जो काम कर पाया,इसका…
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ईश्वर भक्तितत्वज्ञ देवस्यपरम्पराए
श्री कृष्ण के जन्म से पहले और जन्म के पश्चात
by तत्वज्ञ देवस्य 258 viewsउनके जन्म से पहले और जन्म के पश्चात,उन्हें मारने का प्रयास करने वाले,जितने भी राक्षस आए,जिस भी रूप में आए,वो सब न मात्र असफल हुए, बल्कि उनका अंत हो गया। ध्यान देने वाली बात ये है, उससे पहले ये शक्तिशाली…
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लेखक के विचारतत्वज्ञ देवस्यभारत निर्माण
27 मुसलमानों का विद्रोह | तत्वज्ञ देवस्य
by तत्वज्ञ देवस्य 215 viewsजय हिंद मित्रों, कल बाज़ार में 27 जेहादियों की दुकानें छोड़ एक सनातनी की दुकान से, लोहे की चेन और ताला चाभी लेने गया। दुकानदार लगभग 19–20 वर्ष का नवयुवक था, जेहादियों के बीच रहते हुए,उसने अपना धर्म नहीं त्यागा…
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तत्वज्ञ देवस्यकहानियालेखक के विचारसाहित्य लेख
भारतीय सेना : मेरे नायक मेरे पिताजी
by तत्वज्ञ देवस्य 219 viewsजब पिताजी भारतीय सेना में कार्यरत थे,तो उनके एक मित्र हुआ करते थे,जिन्होंने उनके साथ ही सेना ज्वाइन करी थी,मगर कई वर्ष सेना को देने के पश्चात भी, उनका प्रमोशन नहीं हुआ,पिताजी अपने ही मित्र के सीनियर हो गए,कारण ये…