धनतेरस के साथ ही दिवाली के पंचदिवसीय महापर्व की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के दिन नया सामान खरीदने की परंपरा है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन कोई भी नई चीज खरीदकर लाने से घर में धन की वृद्धि…
परम्पराए
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ज़ोया मंसूरीइतिहासपरम्पराए
दुर्योधन, महाभारत का एक नकारात्मक किरदार
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 238 viewsदुर्योधन, महाभारत का एक नकारात्मक किरदार जिसे मृत्यु पश्चात पांडवो के साथ स्वर्ग में जगह मिली। अधर्म के रास्ते पर चलने वाला दुर्योधन आखिर स्वर्ग का हकदार क्यों बना। महर्षि व्यास ने बहुत कूटरचित तरीके से इसका वर्णन किया है।…
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गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को करते हैं. इस दिन गोवर्धन पर्वत, भगवान श्रीकृष्ण और गो माता की पूजा करने का विधान है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र के…
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इतिहासAkansha Ojhaपरम्पराएप्रेरणादायकलेखक के विचारसामाजिक
दशहरे का उत्सव यानी शक्ति
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 128 viewsयत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थों धनुर्धरः। तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ॥ ‘ जहाँ योगेश्वर श्रीकृष्ण हैं और जहाँ धनुर्धर पार्थ हैं वहीं विजय है, लक्ष्मी है, कल्याण और शाश्वत नीति है, ऐसा मेरा अभिप्राय है’ ऐसा महर्षि व्यास ने गीता…
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ईश्वर भक्तिजाति धर्मदेवेन्द्र सिकरवारपरम्पराएमुद्दासाहित्य लेख
नास्तिक_क्या_होते_हैं?
by देवेन्द्र सिकरवार 175 viewsसही अर्थों में जो अस्तित्व को माने ही न अर्थात न रिश्ते-न नाते, न पाप- न पुण्य, न आत्मा-न परमात्मा, न सत्य-न असत्य… इन कसौटियों पर केवल आजीवक और पदार्थवादी ही नास्तिक ठहरते हैं,मार्क्सवादी तक नहीं। मार्क्सवादी हद से हद…
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विक्रम संवत! भारत का प्रथम संवत। पर बहुत कम लोग जानते हैं कि इस संवत का मूल नाम #मालव_संवत था जिसे पहले ‘कृत संवत’ और फिर ‘विक्रम संवत’ घोषित कर दिया गया। -जिन ‘मालवों’ के नाम पर इसे ‘मालव संवत’…
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भगवान शिव के कंठ में विष है, उनके आस-पास विषधारी हैं। कौन स्त्री उनसे विवाह करने को उत्सुक होगी? अगर हो भी गई तो ऐसे पिता कौन होंगे जो अपनी बेटी का हाथ ऐसे पुरुष के हाथ में देना चाहेंगे?…
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ईश्वर भक्तिपरम्पराएलेखक के विचारसामाजिकस्वामी व्यालोक
शिव हमेशा ही आकर्षित करते रहे
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 180 viewsशिव हमेशा ही आकर्षित करते रहे हैं, इसलिए कि सॉफिस्टिकेटेड नहीं, एलीट नहीं। वंचितों के नाथ हैं, असहायों के सहाय हैं, खलनायकों को भी आशीष दे डालते हैं तो प्रवंचक भी उनकी पूजा कर सकते हैं। भूत, प्रेत, चर, अचर,…
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ऐतिहासिकईश्वर भक्तिज़ोया मंसूरीपरम्पराएसामाजिक
मर्कबाह रहस्यवाद, प्राचीन यहूदियों का एक प्राचीन रहस्यवाद
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 226 viewsमर्कबाह रहस्यवाद में मानव शरीर को दो त्रिकोणों के बीच स्थित ‘सेंटर ऑफ एनर्जी फील्ड’ के रूप में परिभाषित किया गया है। मर्कबाह रहस्यवाद में मानव शरीर को शक्ति का स्रोत माना गया है, एक ऐसा ऊर्जा क्षेत्र जो सात…
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हमारे यहाँ फ़िल्म इंडस्ट्री में टीवी कलाकारों को बेहद तिरछी नजरों से देखा जाता है। या यूं कहें उन्हें कलाकार समझा ही नहीं जाता है। वैसे नब्बे के दशक के बाद टेलीविजन इंडस्ट्री गर्त में चली गई। अपने बेहूदे कंटेंट…