आज जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो की गोली मार हत्या कर दी गई. पूरी दुनिया का वामपंथी खेमा कुछ खुले तौर पर और कुछ छिप छिप कर जश्न मना रहा है. वामियों की इस बात की सदैव तारीफ़ रहती है कि उनके अजेंडा बहुत क्लीयर रहते हैं, उन्हें अपना उद्देश्य मालूम रहता है. वह ट्वीट नहीं किया, नीले रंग का गमछा पहन लिया जैसी बेवक़ूफ़ी भारी बातों से उद्वेलित नहीं होते.
यह समय राइट विंग नेताओं के लिए बहुत भारी चल रहा है. अमेरिका में ट्रम्प के पतन से आरम्भ हुआ यह समय इज़रायल में नेतान्याहू तो इंग्लैंड में बोरिस जॉनसन तो जापान में शिंजो अबे के पतन तक पहुँच गया. पुतिन भी एक ऐसा युद्ध जो लग रहा था एक सप्ताह में जीत जाएँगे वह युद्ध अब लगभग पर्मनेंट लम्बे समय तक खिंचता दिख रहा है. वैश्विक परिदृश्य दूर पुतिन स्थानीय जाल में उलझ गए हैं. इन सबके बीच आज शिंजे अबे की हत्या हो गई.
भारत में भी मोदी जी को बहुत संभल कर रहने की ज़रूरत है. उनके ख़िलाफ़ बाहर ही नहीं बल्कि अंदरूनी लेवल पर ढेरों मोर्चे खुले हुवे हैं. विरोधी एकजुट हैं, समर्थकों की ताक़त रोज़ छिन्न भिन्न होती दिखती है. हम सबकी शुभ कामनाएँ साथ हैं. कठिन समय है, संभल कर चलने की ज़रूरत है.
शिंजो अबे के हत्यारे ने घर पर ही एक बंदूक़ बनाई. फ़िर 3D printer का इश्तेमाल कर उसे एक कैमरे का रूप दे दिया. इतने बड़े हाई प्रोफ़ायल व्यक्ति की हत्या एक सनकी व्यक्ति ने घर में अकेले बैठ थोड़ा बहुत इंटरनेट पर पढ़ सामान्य उपलब्ध 3D प्रिंटर का इश्तेमाल कर बंदूक़ बना कर कर दी.””
जब कभी इस तरह का कोई हाई प्रोफ़ायल केस होता है तो वह सारे विश्व के सनकियों और जिहादियों को राह दिखा देता है, सुरक्षा एजेंसियों के लिए नए चैलेंज खड़े कर देता है.
पंद्रह वर्ष पूर्व पश्चिम में लोन वुल्फ़ टेरर अटैक आरम्भ हुवे जिन्हें रोक पाने में सुरक्षा अजेंसियाँ बुरी तरह नाकाम हुईं.करोड़ों के देश में कोई एक सरफिरा छिपा व्यक्ति अकस्मात् अपने घर से निकले और गाड़ी लेकर मार्केट जाए, वहाँ कुचलना आरम्भ कर दे. इसे कैसे प्रिडिक्ट और कैसे रोक जा सकता है. हाँ ये ज़रूर रहा कि अजेंसियों की सतर्कता से ऐसी हर घटना के दोषी पकड़े गए और उनके जो भी थोड़े बहुत मददगार थे वो पकड़े गए.
पर अब तक ऐसी घटनाएँ सामान्य जनता के साथ होती थीं. VVIP की सुरक्षा में टेक्नॉलजी का इश्तेमाल कर लोन वुल्फ़ अटेकर अब इस लेवल तक पहुँच गए.
भारत में भी विशेष कर प्रधान मंत्री / मुख्य मंत्री के प्रोटकाल में लगी सुरक्षा एजेंसिया पुलिस को बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है.