Home विषयऐतिहासिक जो मानव है वो हर युग में

जो मानव है वो हर युग में

793 views
जो मानव है वो हर युग में evaluate होगा .. उसके निर्णयों से क्या असर पड़ा इस पर बात करना हर युग में ज़रूरी होगा …. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो फिर इतिहास विषय को समाप्त कर देना चाहिए ….
गाँधी जी का समय वो समय था जिसको भारत के इतिहास का सबसे turbulent समय माना जाता है … जहाँ पूरा भारत अंग्रेज़ों के अत्याचार को सह रहा था …. वही भारत का हिन्दू खलीफा आंदोलन समर्थंक मोपला मुसलमानों द्वारा, कभी बंग भंग, कभी डायरेक्ट एक्शन डे, कभी हैदराबाद, कभी स्वामी श्रद्धानन्द की हत्या, गणेश शंकर विद्यार्थी की हत्या, महाशय राजपाल जी की हत्या का दंश ऊपर से भोग रहा था ….
भारत का हिन्दू देश विभाजन के विभीषिका को झेल रहा था … ये सब वो समय था जब गाँधी जी के निर्णयों ने हिन्दू जान मानस को अकाल ही काल का ग्रास बनाया … इन सबके उत्तरदायित्व से गाँधी मात्र “अहिंसा” शब्द का जुगाड़ करने, रघुपति राघव राजा राम का अपभ्रंश गाने और कुछ असफल आधे अधूरे आंदोलन चलाने के बुर्खे में लिपट के बच नहीं सकते …
.
परन्तु अगर गाँधीवादी चाहते हैं कि गाँधी जी के निर्णयों और विचारों का आलोचना या अवलोकन न करें तो वो बेशक गाँधी को अपना अंतिम नबी घोषित कर दें क्योंकि गाँधी जी का अवलोकन इनको बर्दास्त नहीं होता … जिनके विरोध की कोई बात करना इनके नजर में बेअदबि माना जाता है … .. ऐसा अगर गाँधीवादी चाहते हैं तो ठेंगे से …. हम अवलोकन करते रहेंगे उपलब्ध ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर …

Related Articles

Leave a Comment