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नरेंद्र मोदी और मुस्लिम समाज

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एन पी आर और एन आर सी से डरने और बहस करने वाले कौन लोग हैं भला ? जाहिर है यह घुसपैठिए हैं या उन के पैरोकार हैं। मुस्लिम वोट के दुकानदार हैं। अलग बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार मुस्लिम समाज की ब्लैकमेलिंग और हिंसा से डर कर इस समय पूरी तरह बैकफुट पर आ चुकी है। मोदी सरकार की इस कायरता से सामान्य जनता के बीच उस की रेटिंग और विश्वास बेहिसाब गिर गया है। 303 सीटों वाली भाजपा अगर आज की तारीख में लोकसभा का चुनाव लड़ जाए तो तय मानिए कि इस घुटने टेकने की बिना पर उसे सौ सीटें भी नहीं मिल सकतीं। मोदी सरकार अगर देश की हिफाज़त और भविष्य बेहतर चाहती है तो सरकार गंवा कर भी उसे एन पी आर , एन आर सी , जनसंख्या नियंत्रण और कॉमन सिविल कोड को पूरी सख्ती से लागू करना चाहिए।
हिंदू , मुसलमान का भेदभाव किए बिना ही घुसपैठियों को पूरी ताकत से किसी भी कीमत पर देश से बाहर खदेड़ना बहुत ज़रूरी है। नहीं अभी पूरी दुनिया पर कभी राज करने वाला ब्रिटेन जैसे इस समय अपना अस्तित्व बचाने के लिए लचर और लाचार हो चुका है , सोवियत संघ टूट चुका है। भारत भी उसी राह पर जाने के लिए अभिशप्त हो चुका है। जैसे 370 से मुक्ति भाजपा और मोदी सरकार ही दिला सकती थी , इस अभिशाप से , घुसपैठियों से मोदी और भाजपा सरकार ही मुक्ति दिलवा सकती है। बिना इमरजेंसी लगाए , हर उस लोकतांत्रिक तरीके का इस्तेमाल कर मोदी सरकार को इस मसले पर घुटने टेकने के बजाय कड़ा मुकाबला करना चाहिए। इस नपुंसक और हिंसक विपक्ष के सामने मोदी सरकार को घुटने टेकने से बचना चाहिए। अगर विपक्ष शासित प्रदेश सरकारें असहयोग करती हैं तो उन्हें उन के हाल पर छोड़ भाजपा शासित प्रदेशों में पूरी सख्ती से लागू करना चाहिए। नहीं भाजपा सरकार और नरेंद्र मोदी को देश कभी माफ़ नहीं करेगा। देश की जनता ने अगर 303 सीटें दे कर इतने भारी बहुमत से सरकार में भेजा है तो हिंसक और नपुंसक विपक्ष और घुसपैठियों के आगे डर कर घुटने टेकने के लिए नहीं भेजा है। भेजा है भारत को सीरिया बनने से रोकने के लिए।
इस्लामिक हिंसा और तुष्टीकरण के खिलाफ देश की जनता ने मिस्टर मोदी आप को चुना है। दलित और मुस्लिम पॉकेट का ईगो मसाज करने के लिए नहीं। आलू , प्याज का भाव जनता देख लेगी। सरकार का काम है कड़े फैसले ले कर देश का भूगोल और पर्यावरण ठीक करने का। जनसंख्या नियंत्रण और घुसपैठियों की समस्या हल हो गई तो बेरोजगारी और मंहगाई की समस्या चुटकी बजाते ही हल हो जाएगी। तो मिस्टर मोदी इन हिंसक और कायर लोगों से डरना , घुटना टेकना बंद कीजिए। पूरी सख्ती से इन फैसलों पर अमल करने का यही बेहतर समय है। सिविल पुलिस की जगह अर्ध सैनिक बलों को तैनात कर हिंसक लोगों को उन की औकात में रखिए। कभी यह बयान , कभी वह बयान दे कर दो कदम आगे , चार कदम पीछे चलने की डिप्लोमेसी से बाज आइए। संसद में अगर छाती ठोंक कर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हम एन आर सी लाएंगे ! तो इसे पूरे देश ने सुना है। यह सही फैसला है। इस पर दृढ़ता से कायम रहने की ज़रूरत है। बयान बहादुरी कर इस से पलटना भाजपा के लिए तो शोकगीत का सबब होगा ही , समूचे देश को सीरिया बनाने की राह पर भी ढकेल देना होगा। नाकारा , हिंसक और नपुंसक विपक्ष की फालतू के घेराव में फंसना और फैसला पलटना गुड बात नहीं है। क्यों कि अभी नहीं , तो कभी नहीं।
मोदी सरकार को इस बाबत चीन से सबक सीखने की सख्त ज़रूरत है। जैसे चीन इस समय 30 लाख उइगर मुसलमानों को नजरबंद कर देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहा है। भारत को भी उसी सख्ती से घुसपैठियों को पूरी सख्ती से देश से बाहर खदेड़ देने की ज़रूरत है। इन के साथ किसी भी तरह की उदारता बरतने की कोई ज़रूरत नहीं है। चीन की ही एक पुरानी कहावत है कि इतने उदार भी न बनिए कि अपनी बीवी किसी को गिफ्ट कर दीजिए। इसी तर्ज पर मुझे यह कहने की अनुमति दीजिए कि अपनी उदारता और सदाशयता में यह भारत देश घुसपैठियों को गिफ्ट मत कीजिए। यह देश की अस्मिता , स्वाभिमान और सुरक्षा का विषय है। इस पर किसी भी तरह का कोई समझौता देश को घुसपैठियों के हाथ बेच देना है। अरुंधती राय जैसे अराजक और भड़काऊ लोगों से भी कानूनी रूप से पूरी सख्ती से निपटना बहुत ज़रूरी है।

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