नूपुर की हत्या की धमकियां, कन्हैया की हत्या, देश भर में आतंकियों द्वारा हत्याएं और हत्याओं की धमकियां और हिंदुओं के जेनोसाइड की स्थिति, और सबका इलाज आपने यह ढूंढा कि पसमांदा मुसलमान को आगे किया जाए..
क्या पसमांदा मुसलमान दूसरी कोई किताब पढ़ता है? क्या वह दूसरे किसी मोरल कोड से संचालित होता है? पहले एक हाथ में कंप्यूटर पकड़ाने और यूपीएससी की परीक्षा दिलवाने के बाद अब यह नया पैंतरा?
मोदीजी को समस्या को छूने, उसे शक्ति के साथ हैंडल करने में डर लग रहा है तो इधर से उधर कूद रहे हैं. मुझे जंगल का राजा वह बंदर याद आ रहा है जो इस डाल से उस डाल तक कूद रहा हो और कह रहा हो…मेरी कोशिश में कोई कमी रह गई हो तो बताओ…