Home लेखक और लेखदेवेन्द्र सिकरवार मुगल स्थापत्य: विश्व इतिहास का सबसे बड़ा झूठ

मुगल स्थापत्य: विश्व इतिहास का सबसे बड़ा झूठ

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उन्होंने मक्का जीता और ‘काबे’ से मूर्तियां फेंक उसे अल्लाह का घर बता दिया।
उन्होंने जेरुसलम जीता और वहां खड़ी इमारत को मस्जिद बना दिया।
उन्होंने कॉन्सटेंटिनोपल को जीता और सेंट सोफिया चर्च को मस्जिद बना दिया।
ये अरब, ये तुर्क ये जाहिल मुगल जो मलत्याग के बाद धोना नहीं जानते थे उन्होंने कुतुबमीनार और ताजमहल बनवाये?
इतिहास के साथ एक भद्दा मजाक।
सत्य तो यह है कि ‘इंडो-सार्सेनिकआर्किटेक्ट’ या ‘इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्ट’ या ‘मुगल आर्किटेक्ट’ नामक कोई चीज है ही नहीं।
प्रमाण:-
1- अरब वास्तु नामक कोई चीज है ही नहीं। अरब में न तो वास्तुकला का कोई ग्रंथ मिलता है ओर न नाप की कोई इकाइयां।
2- इस्लामिक काल में कोई भी इमारत स्वतंत्र रूप से नहीं है। जो भी है वह हमेशा उस क्षेत्र के पूर्ववर्ती भवन थे। उदाहरण के लिए जेरुसलम में अल अक्सा मस्जिद हो या सीरिया की मस्जिद, वे चर्च या सिनेगॉग को तोड़कर ही बनाये गए है।
3- भारत के तुर्क व मुगल निहायत बर्बर कबीले थे जिनके पास वास्तु कला तो छोड़िए सुसंकृत भाषा व संस्कृति भी नहीं थी
4- उज्बेकिस्तान में मुगलों के पुरखे तैमूर को अपना मकबरा बनवाने के लिए भारत से कारीगरों को बंदी बनाकर ले जाना पड़ा क्योंकि वहां कोई वास्तुकला जानता ही नहीं था। तैमूर का यह मकबारे आज भी ‘सूर सादूल’ अर्थात ‘ सूर्य शार्दूल कहलाता है। और विडंबना देखिये उसके अनपढ जाहिल बर्बर वंशज ताजमहल के निर्माता हो जाते हैं।
5- धर्मान्ध मुस्लिम शासक जिन्हें हिन्दुओ से घोर घृणा थी वह उन्हें ऐसी इमारतें बनाने की भला जहां इस्लाम के सबसे गंदे माने जाने वाले पशु ” सूअरों” की मूर्तिया इफरात से मौजूद हैं।
6- जिन हिंदू राजाओं ने अजंता एलोरा, खजुराहो जैसे वास्तुकला के नायाब नमूने दिये हैं, उनके स्वयं के महल कितने भव्य रहे होंगे? आज वे भवन कहाँ हैं? वे भवन और कहीं नहीं ये इस्लामिक मकबरे, इस्लामिक किले आदि हैं जिन पर इन बर्बर कब्जेदारों ने अपने नामों की चिप्पियाँ लगा दीं।
उदाहरण के तौर पर आप देख सकते हैं कि अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ के किले को जीता और फिर इसका नाम #खिज्राबाद रख दिया। अगर राजपूत इसे पुनः नहीं जीतते तो आज पाठ्य पुस्तकों में इरफान हवीब और रोमिला थापर की किताबों में लिखा जाता–
“1303 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने मेवाड़ पर हमला किया और चित्तौड़ नामक ‘पहाड़ी’ पर मोर्चा जमाये राजपूतों को पराजित कर उस पहाड़ी पर एक ‘दुर्ग’ का निर्माण कराया और उसके चारों एक शहर बसाकर उसे अपने बेटे के नाम पर ‘खिज्राबाद’ नाम दिया।”
भारत में यह घटना जाने कितनी बार और कितनी जगहों पर घटित हुई।
-‘अग्रावन’ ‘आगरा’ बन गया जिसको बसाने का श्रेय दिया गया सिकंदर लोदी को।
-‘कोइल’ ‘अलीगढ़’ बन गया।
-‘विजयपुर सीकरी’ ‘फतेहपुर सीकरी’ में बदल गई और बसाने का श्रेय मिला अकबर को।
-‘इंद्रप्रस्थ’ ‘दीनपनाह’ में, ‘लालकोट’ ‘लाल किले’ में और ‘मिहिरावली’ के वराहमिहिर के अध्ययन हेतु बनाई गई 27 ऑब्जर्वेटरी व नक्षत्र निरीक्षण स्तंभ ‘महरौली की कुव्वत उल इस्लाम व कुतुब मीनार’ में बदल गई।
भारत के प्रमुख शहरों की जामा मस्जिदें और कुछ नहीं उस नगर के मुख्य नगर देवता के मंदिर हैं

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