Home लेखक और लेखदेवेन्द्र सिकरवार सुरक्षा: #मंदिर_निर्माण_या_म्लेच्छ_विनाश_से

सुरक्षा: #मंदिर_निर्माण_या_म्लेच्छ_विनाश_से

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इस चित्र में जिस मंदिर को आप देख रहे हैं उसके खंडहर से ही आप उसकी विशालता व भव्यता का अनुमान लगा सकते हैं।
माना जाता है कि शाहिया वंश के पठान राजाओं में महाराज जयपाल देव ने इस विशाल भव्य मंदिर का निर्माण कराया था।
– कितना भव्य हिंदू कार्य,
-कितनी धार्मिकता,
लेकिन क्या हुआ?
क्या उद्भांडपुर जो आज पाकिस्तानी गाँव हुंड कहलाता है, वहाँ इस मंदिर में पूजा करने के लिए कोई हिंदू बचा?
इस चित्र में विडंबना तो यह है इस पवित्र शिवमंदिर के शिखर पर चढ़कर इसका अपमान कर रहे इन मुस्लिमों का कोई अभागा पूर्वज ऐसा भी रहा होगा जिसने इस मंदिर की रक्षा के लिए प्राण दिये होंगे।
क्या बेहतर न हुआ होता कि महाराज जयपाल अपने राज्य के समस्त संसाधन एक सेना नहीं बल्कि कई सेनाएं खड़ी करने में लगाते बजाय इन भव्य मन्दिरों के निर्माण के, जहां आज चमगादड़ों का बसेरा है ताकि एक सेना के नष्ट होने पर तुरंत दूसरी सेना उपलब्ध होती।
आज भारी ह्रदय से हम उन्हें काबुल के ऐसे अंतिम हिंदू पठान शासक के रूप में याद करते हैं, जो गजनवियों से अफगानिस्तान को हिंदू अफगानिस्तान के इस्लामिक अफगानिस्तान में बदले जाने से नहीं रोक सका।
एक देशभक्त परंतु, असफल देशभक्त शासक।
अच्छा है, है मोदीजी ने ‘सेना’ का नहीं ‘सेनाओं’ का निर्माण शुरू कर दिया।
इस योजना को रोजगार नहीं ‘सैन्य प्रशिक्षण’ के रूप में देखिये।
मु स्लिमों की सबसे ज्यादा भीड़ आपको यहां मिलने वाली है।
पहली खेप, ही मजबूत मिलिशया का निर्माण करेगी।
अब वो मिलिशया आपकी होगी या उनकी, ये आप ही तय करेंगे।
अगर आप नहीं चाहते कि शेष भारत में, अयोध्या, काशी व मथुरा में ऐसे दृश्य देखने पड़ें तो इस योजना को समझिए व सकारात्मक प्रचार कीजिये, हिंदू युवाओं को उत्साहित कीजिये।

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