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मुलायम सिंह यादव जी की मृत्यु पर प्रतिक्रिया

Nitin Tripathi

by Nitin Tripathi
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मुलायम सिंह जी की मृत्यु पर मेरी प्रतिक्रिया पूँछी जाए तो मेरा उत्तर ही यही है कोई प्रतिक्रिया नहीं. न वह मेरे नेता थे, न मैं किसी संवैधानिक पोस्ट पर हूँ कि औपचारिकता करनी पड़े, न मैं उनकी आयडीआलॉजी ऐक्सेप्ट करता हूँ. मेरी लाइफ़ में व्यक्तिगत रूप से मुलायम जी का उतना ही प्रभाव है जितना प्लूटो में एक कंकड़ हिलने से सूर्य की गति प्रभावित होती है. हाँ निहसंदेह किसी भी व्यक्ति का जाना उसके परिचितों के लिए पीड़ा दायक होता है, इस नाते सहानुभूति अखिलेश जी, शिवपाल जी, राम गोपाल जी समेत सबके साथ है. श्री राम उन्हें, उनके परिवार को और अन्य मुलायम जी के सहयोगियों को यह दुःख सहने की क्षमता दे.

कई सारे मित्र मुलायम सिंह की तुलना रावण से कर रहे हैं, जो सर्वथा अनुचित है. रावण अपने आप में एक विचार धारा थी. श्री राम ने रावण का वध कर उस विचार धारा को सदैव के लिए समाप्त कर दिया. धरती से राक्षस योनि का ही समापन हो गया. हर साल हम रावण का पुतला इसी लिए फूंकते हैं कि वह विचार धारा दुबारा न जीवित हो पाए.
मुलायम सिंह जी जिस विचार धारा के थे, वह विचार धारा नहीं मरी है. उन्होंने मुस्लिम वोटों के लिए निहत्थे राम भक्तों पर गोलियाँ चलवाईं. ईश्वर न करे दुबारा वो दिन आए पर यदि ऐसा होता है तो अरविंद केजरीवाल से लेकर राहुल गांधी तक हर कोई इन वोटों के लिए ऐसा ही करेगा. यह वाली विचार धारा कि एक सत्ता के शीर्ष पर पहुँच जाए तो उसके ख़ानदान, अड़ोसियों पड़ोसियों सब को खाने को मिलेगा, यह विचार धारा भी मुलायम के जाने से समाप्त नहीं हुई, बल्कि आज की तारीख़ में पहले से विकराल है. जनता को मूर्ख बना समाजवाद मुफ़्त खोरी के सपने दिखा वोट लेना और वोट मिलते ही अपना भला करना – यह विचार धारा भी भारत के हर प्रदेश के छोटे छोटे दलों और खूब सारी जनता में भी फैली है – मुफ़्त खोरी की विचार धारा. लड़के हैं लड़कों से गलती हो जाती है, यक़ीन मानिए गुप्त ओपीनियन पोल कराया जाए तो सतर प्रतिशत जनता ऐसा ही बोलेगी – महिलाएँ भी.
किसी भी लोकतंत्र में नेता जनता का प्रतिबिम्ब होते हैं. नेता जी मुलायम सिंह यादव हमारे उत्तर प्रदेश की जनता का प्रतिबिम्ब थे – नग्न प्रतिबिम्ब जिसे बहुत सारे लोग स्वीकार भले ही न करें पर थे तो उन्ही के प्रतिबिम्ब.
मुझे पता है कि मुलायम सिंह जी व शिवपाल जी भी हनुमान जी के भक्त हैं. ईश्वर नेता जी को अपनी शरण में ले. हम भारतीयों को इतना आत्म बल मिले कि वह इस विचार धारा को ठुकरा कर आगे बढ़ सकें. ॐ शान्ति.

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