लगभग 59,20,000 वर्ग मीटर सड़क का निर्माण बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में किया गया।इस मार्ग के एक क्षतिग्रस्त हिस्से ( लगभग २० वर्ग मीटर ) की खबर आ रही है। हंगामा काटा हुआ है। पूर्व नौकरशाह सूर्य प्रताप सिंह लिखते हैं कि यह इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है।
अगर साठ लाख वर्ग मीटर कपड़ा भी प्रिंट करो तो भी दस पांच वर्ग मीटर खराब हो सकता है। अगर प्रिंट खराब हो जाए तो भ्रष्टाचार मान लिया जाए।यह वैसा ही है जैसे कोई तीन लाख रोटियां बनाए उसमें एक आध थोड़ी जल जाए। हो सकता है तवे पर रोटी हो और दाल सब्जी परसने में तवे से लौटने में देर हो गई हो। मैंने घर बनबाया , तमाम सावधानी के बाद भी एक आध जगह सीलन आ ही गई।
मैंने घर बनबाया , तमाम सावधानी के बाद भी एक आध जगह सीलन आ ही गई। हो सकता है सड़क के उस हिस्से में रोलर से मिट्टी की कुटाई कम हुई हो , कम पानी पड़ पाया हो , डाला गया मिक्स ज्यादा गर्म हो गया हो या पर्याप्त गर्म न हो पाया हो ।आप कितना भी मानीटर करें लेकिन हर वर्ग इंच के सड़क निर्माण को मानीटर करना असंभव है। अगर कहीं किसी हिस्से में दिक्कत होगी तो निर्माण एजेंसी उसे ठीक करेगी।
सड़क निर्माण कंप्यूटर पर किया जाने वाला copy paste जैसा नहीं होता। सिस्टम भले ही आदर्श न हो लेकिन लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली देश की तमाम निर्माण एजेंसियों में बेहतरीन है। यहां काम करने वाले आपके हमारे समाज के ही हिस्से हैं। इस हिस्से की सर्फेस खराब होने के कारण गहराई तक खराब मैटीरियल निकाला गया है , अब इसमें नया मिक्स भरा जाना है।