आपने अक्सर सुना होगा कि फलाने फिसल के गिरे और उनके कूल्हे की हड्डी चटक गयी… कूल्हे का टूटना एक बेहद ख़तरनाक घटना होती है। ज्यादातर होता यूं है कि ऐसी दुर्घटना के बाद एक सप्ताह के भीतर ही फोटो,…
रिवेश प्रताप सिंह
रिवेश प्रताप सिंह
love rational conversation...............extra xtrovart by nature having keen desire in social networking......nd.....intersted in human physiology
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पत्रकार- क्या नाम है आपका?? ग्रामीण- रम्पत.. पत्रकार- रम्पत क्या?? ग्रामीण- रम्पत बैंड वाले। पत्रकार- यार..तुम बैंड बजाने वाले हो… वो तो तुम्हारा काम है लेकिन रम्पत के आगे क्या लिखते हो…. ग्रामीण- साहब! हमरी दुकान के बोर्ड पर भी…
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कहानियारिवेश प्रताप सिंहसामाजिकसाहित्य लेख
दस वर्ष पुराना एक रोचक किस्सा-
by रिवेश प्रताप सिंह 584 views** दस वर्ष पुराना एक रोचक किस्सा- ** मेरे एक मित्र का विवाह तय हुआ। मित्र, घर के मालिक ठहरे… सो विवाह से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं की ज़िम्मेदारी पूरी तरह उन पर टिकी थी। इसलिए किफायत के साथ बेहतर प्रबंधन…
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पत्रकार- क्या नाम है आपका?? ग्रामीण- रम्पत.. पत्रकार- रम्पत क्या?? ग्रामीण- रम्पत बैंड वाले। पत्रकार- यार..तुम बैंड बजाने वाले हो… वो तो तुम्हारा काम है लेकिन रम्पत के आगे क्या लिखते हो…. ग्रामीण- साहब! हमरी दुकान के बोर्ड पर भी…
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लेखक के विचाररिवेश प्रताप सिंहशिक्षासाहित्य लेख
अध्यापक हूं। इसलिए कुछ अध्यापकीय अनुभव भी संजो कर रखता हूं
by रिवेश प्रताप सिंह 400 viewsअध्यापक हूं। इसलिए कुछ अध्यापकीय अनुभव भी संजो कर रखता हूं। इस क्षेत्र में मेरे तमाम अनुभवों में से एक महत्वपूर्ण अनुभव- कुछ अभिभावक अपने बच्चों को.. उनके वर्तमान कक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद भी उन्हें पुनः उसी…
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साहित्य लेखकहानियाजाति धर्मरिवेश प्रताप सिंह
एक पुरानी और प्रचलित कथा
by रिवेश प्रताप सिंह 775 viewsएक बार एक पंडित जी पूजा-पाठ करके.. मंदिर के बाहर सड़क के किनारे, आम के पेड़ के नीचे बैठे थे। तभी पेड़ पर एक चिड़िया लगातार बोल रही थी। अचानक, पंडित जी का ध्यान उस चिड़िया के स्वर पर गया…
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हम भाषा के तीन रूप पढ़ते हैं। सांकेतिक मौखिक लिखित मुझे याद है कि मूक बधिर न्यूज़ में समाचार वाचिका धरती पुत्र मुलायम सिंह जी को सिर्फ तीन संकेत में व्यक्त करतीं थीं। पहले संकेत में हाथ से मुलायम वस्तु…
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जब उनकी कुछ कर गुजरने की उमर थी तब वो गांव में परधानी लड़ाने में व्यस्त थे। जब कुछ जीतने, पाने, कमाने का अंतिम वक्त था तब वो पर्चा दाखिला, टेंडर और विधायक जी के साथ फोटो खिंचाने में मशगूल…
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भारत निर्माणराजनीतिरिवेश प्रताप सिंहलेखक के विचार
चुनाव को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
by रिवेश प्रताप सिंह 616 viewsघर में तीन भाईयों के परिवार समेत कुल चौदह सदस्य हैं। चौदह की संख्या में माता जी समेत सात बच्चे। घर में गाय भी एक सदस्य है। लेकिन गाय के अलावा घर में कभी तोता तो कभी खरगोश पाल लेना…
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रिवेश प्रताप सिंहलेखक के विचार
अपने गंजेपन के हाल पर मैंने जबरन एक गलतफहमी पाल रखी है।
by रिवेश प्रताप सिंह 449 views1 – अपने गंजेपन के हाल पर मैंने जबरन एक गलतफहमी पाल रखी है। खुद को तसल्ली देने के लिए मुझे लगता है कि मेरी ही तरह अस्सी प्रतिशत जनता गंजी हो चुकी है जा गंजेपन के राह पर निकल…