Home नया मुक्त_हिन्दू
एक हिन्दू है जिसने सारे वेद पुराण पढ़ रखे हैं… पढ़ रखे माने मान लीजिए कि एकदम कंठस्थ हैं. (Scriptural Hindu)
दूसरा एक हिन्दू है जो योग और ध्यान का अभ्यास करता है और उसको अनेक सिद्धियां प्राप्त हैं. सिद्धियाँ मतलब समझ लीजिए कि जमीन से तीन हाथ ऊपर ही समाधि लगाते हैं. (Spiritual Hindu)
तीसरे एक हिन्दू हैं जो बिल्कुल भक्ति में लीन हैं. मान लीजिए कि उनका स्वयं ईश्वर से साक्षात्कार होता हो.. सीधा हॉटलाइन पर ले रखा हो. (Devout Hindu)
चौथा एक हिन्दू हैं जो खूब पूजा पाठ, कर्मकाण्ड, दान पुण्य करते हैं… उन्होंने देश के सबसे भव्य मंदिर के शीर्ष पर ढाई मन सोने का कलश बैठा दिया हो और सत्तर धर्मशालाएं चलाते हों. (Ritualistic Hindu)
और उनके सामने एक मामूली सा गृहस्थ हिन्दू हो जो जीवन के विशिष्ट अवसरों पर ही ईश्वर को याद करता हो, जैसे विवाह, जन्म, मृत्यु, और पर्व त्योहारों पर और शेष समय अपना भौतिक जीवन सत्यनिष्ठा और नैतिकता से जीता हो. (Everyday Hindu)
इन पांचों में कौन सा एक हिन्दू दूसरे से श्रेष्ठ है जिसे दूसरे के मार्ग निर्धारण का अधिकार मिलना चाहिए? या सभी अपने अपने मार्ग पर अपनी स्वप्रेरणा से चलने के लिए स्वतंत्र होने चाहिए?
और इन सबके अलावा एक अन्य अकिंचन पथभ्रष्ट हिन्दू है जो धर्म के इन स्वरूपों के प्रति कोई विशेष श्रद्धा नहीं रखता. वेदों पुराणों में क्या लिखा है पर सर नहीं खपाता, ध्यान-ज्ञान के फेरे में नहीं पड़ा, पूजा-पाठ और भक्ति-भाव के प्रति निरपेक्ष हो, कर्मकांडों से कोई मतलब नहीं रखता और मंदिर जाकर कभी सर नहीं नवाता लेकिन अपनी हिन्दू आइडेंटिटी के प्रति सजग हो . वह सामाजिक रूप से सबसे प्रेमभाव और सहयोग करता हो, राजनीतिक रूप से हिन्दू समाज के हितों के प्रति सजग और सक्रिय हो, और अन्य सभी पांच कोटि के हिन्दुओं की हिन्दू जीवन पद्धति की रक्षा के लिए भौतिक और शारीरिक रूप से प्रतिबद्ध हो… यानि शुद्ध पॉलिटिकल सोशल हिन्दू…. क्या वह इन अन्य हिन्दुओं के मुकाबले एक निकृष्ट हिन्दू है?
आप इन छह कोटियों के किस कोटि के हिन्दू हैं, किसकी उपयोगिता सबसे अधिक देखते हैं और किसकी संख्या में वृद्धि को वर्तमान में सर्वाधिक वांछित मानते हैं?

Related Articles

Leave a Comment