Home हमारे लेखकसुमंत विद्वन्स पुरानी फिल्मो में गांव का कोई लड़का जब बम्बई जाता….

पुरानी फिल्मो में गांव का कोई लड़का जब बम्बई जाता….

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पुरानी फिल्मो में गांव का कोई लड़का जब बम्बई जाता था तो वापस लौटने पर गांव वालो को खूब बढ़ा चढ़ा के बताया करता था की शहर में इतनी ऊँची ऊँची इमारते है और सड़को पर कैसे फर्राटे से मोटर गाड़िया दौड़ती है। उनकी वो बातें झूठी नहीं होती थी लेकिन एकतरफा होती थी क्यूंकि वह कभी यह नहीं बताता था की बम्बई शहर में कितने लोग फुटपाथों पर भूखे सोते है, कितने बच्चे चौराहो पर भीख मांगते है और कितने कबूतर के दड़बे जैसे छोटे छोटे कमरों में पूरी ज़िन्दगी गुजार देते है
अब बम्बई दिल्ली हर कोई आता जाता रहता है तो उन शहरों के किस्से सुनाकर किसी पर रोब नहीं जमाया जा सकता है इसलिए लोग अब यूरोप अमेरिका के किस्से खूब बढ़ा चढ़ा कर सुनाते है लेकिन बम्बई की अधूरी कहानी सुनाने वाले लड़के के सामान ही लोग विदेशो की भी आधी अधूरी एक तरफ़ा कथा ही बताते है और उन पर विश्वास करने वाले लोग उस अर्द्सत्य को ही अंतिम सच मान कर आश्चर्य से भर जाते है मैंने पिछले बीस वर्षो में ऐसे ढेरो भारतीय देखे है जो विदेशी धरती को देख कर ही आवक रहे जाते है के फिर उन्हें भारत के बाहर कोई बुराई और भारत में कोई अच्छाई दिखना ही बंद हो जाती है हमारे कई पुराने शासको से लेकर आज कल के कई ऑनलाइन विशेषज्ञों तक ऐसे हीनभावना से ग्रस्त लोगो की लम्बी कतार है

कृपया इन बातो को समझिये की ब्रिटेन , अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया कनाडा या कोई भी देश हमारी इस दुनिया का एक देश है, किसी सातवे आसमान का स्वर्ग नहीं है गरीबी, बेरोजगारी , महगाई , भूख अपराध जैसी हर तरह की समस्याएं हर देश में है , बेघर लोग इलाज के आभाव में तड़पने वाले लोग फुटपाथ पर भीख मांगने वाले लोग , अपराध और शोषण करने वाले लोग भी हर देश में है केवल अंतर इतना ही है की किसी देश में कोई समस्या विकराल है तो कही थोड़ी कम। कोई एक देश या समाज किसी खास मामले में थोड़ा बेहतर है तो कोई किसी मामले में।

अब जाची परखी बात है की अच्छाई बुराई हर व्यक्ति में होती है इसलिए हर समाज में इसलिए हर समाज में अच्छाई और बुराई दोनों होती है क्योंकि दोनों से मिलकर ही समाज बनता है और उसी में सरकारेऔर सिस्टम बनता है इतनी सीधी सी बात भी अक्सर भूल जाते है की दुनिया के हर देश में अच्छाई और बुराई दोनों ही है
जहाँ जो अच्छा है उसे देखिये लेकिन केवल उतने को ही पूर्ण सत्य मानने की भूल मत कीजिये , अन्यथा आप हमेशा छले जाते रहेंगे , भारत में हजार बुराइया है , लेकिन लाखो अच्छाइयां भी है भारत की कमियों को अवश्य दूर किया जाना चाहिए लेकिन उसकी समस्याओ का समाधान कही यूरोप या अमेरिका में नहीं है भारत की हर समस्या का समाधान भारत में ही है इसलिए कृपया भारत को पूरी तरह भारत बनाइये पिछले सैकड़ो वर्षो से यही हो रहा है की लोग भारत को कुछ न कुछ और बनाना चाहते है। कभी लोग भारत को ब्रिटेन और भारतीयों को काले अंग्रेज बनाना चाहते थे अग्रेजो के जाने पर जो आये , वे भारत को रूस बनाना चाहते थे उनके बाद वाले इसे अमेरिका बनाना चाहते थे , बीच बीच में दिल्ली या बम्बई को सिंगापुर जैसा बनाने की हसरत भी किसी को सताने लगती है

अब तो भारत के लोग भी दुनिया भर में है , तो जो जहा जाता है वही से भारतीयों को वैसा ही बनने को उकसाने लगता है और जो कभी कहीं नहीं गए वो अपनी हीनभावना से निकलने की होड़ में विदेशियों से ज्यादा विदेशी बनकर दिखाना चाहते है यह बड़ी जटिल स्थति है लोग भारत को सब कुछ बनाना चाहते है लेकिन भारत नहीं बनाना चाहते है और फिर पूछते है की आज इस देश की कोई समस्या ख़त्म क्यों नहीं हुई जबकि समस्या का एकमात्र समाधान यही है की भारत को ठीक से पूरी तरह भारत बनाया जाये भारत को अमेरिका बनाने की और भारतीयों को अमेरिकी बनने की कोशिश छोड़ देनी चाहिए। अपनी अधिकांश समस्याए अपने आप समाप्त हो जाएँगी

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