Home विषयसामाजिक रूमाली_कब्जा
हमारे यहाँ जनरल बोगी या डेली पैसेंजर ट्रेन में सीट रिजर्व करने का एक तरीका है कि पूरी तरह रुकने से पहले ही ट्रेन में खिड़की से हाथ डालकर, खाली सीट पर रूमाल या किताब रख देते हैं और खिड़की से ही हिफाजत करते हैं।
99.99% मामलों में यह मान्यता प्राप्त विधि बन चुकी है लेकिन कभी-कभी दरवाजे से वैलिड तरीके से घुसा कोई सांड छाप इंसान आकर उस रूमाल से जूते पोंछकर उस कब्जे को नकार देता है।
अब इस मामले में निर्णय दोनों पक्षों की मसल पॉवर व नंबर पॉवर के आधार पर होता है।
ये सड़कों, स्टेशन पर दरगाह और मॉल, एरोड्रम, सड़क आदि पर नमाज वही रूमाल रखकर कब्जा करने की विधि है जिसे हिंदुओं ने स्वीकृति दे दी और प्रशासन तो हमेशा से ही परम सैक्यूलर रहा है।
तो, अब यह आपके ऊपर है कि आप इन ‘रूमाली कब्जे’ को मान्यता देते हैं या सौ-पचास लड़के उस ‘रूमाल’ से अपने जूते पौंछकर कब्जे को उखाड़ देते हैं।
मर्जी है आपकी क्योंकि ‘सीट’ है आपकी।
रखो या खैरात में जाने दो।
हाँ बहुत जल्द ये ‘रूमाल’ आपके ‘घर’ के ऊपर भी रखा जाने वाला है।
लूलू मॉल तो उनका अपना है ही।

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