एक परिचित संत हैं, गोल्फ़ सिटी क्षेत्र में आए थे. प्रायः जब कोई आता है तो भक्त अपने अग़ल बग़ल के क्षेत्र घुमाते टहलाते ही हैं तो भक्त उन्हें लेकर पहुँच गए लूलू माल.
लूलू माल से आधा किमी दूर ही पुलिस सिक्योरिटी ने उन्हें रोक लिया. भक्तों ने बताया संत हैं, माल में शॉपिंग के लिए जाना चाहते हैं कोई समस्या है. पुलिस सिक्योरिटी का जवाब था इन्हीं भगवा वालों ने तो परेशान कर रखा है. खैर बात बढ़ी तो बताया गया आधार कार्ड आदि देकर रेजिस्ट्रेशन कराना होगा तब जाने दिया जाएगा.
संत वैसे भी सज्जन होते हैं वह तैयार हो गए. वैसे भारत में अपने देश में कही जाने के लिए रेजिस्ट्रेशन कराना हो इसी के ख़िलाफ़ तो जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया था और अब ऐसा UP की राजधानी में. खैर संत को चौकी इंचार्ज के पास ले ज़ाया गया. उन्होंने क्लीयर मना कर दिया लूलू माल के अंदर भगवा कपड़े पहन जाना निषेध है.
वैसे बड़ा प्रश्न यह भी है कि यदि भगवा कपड़ा पहन माल में जाना निषेध है तो माननीय मुख्य मंत्री MyogiAdityanath ✅ जी स्वयं भगवा धारी हैं, उन्होंने स्वयं ही लूलू माल का फ़ीता काटा था. शायद वह इकलौते भगवा धारी होंगे जिन्हें माल के अंदर जाने की परमीशन मिली होगी.
आप लूलू माल जाइए आधे लोग बुर्के में, ऊँचे पैजामे में नज़र आएँगे. मैं किसी के ख़िलाफ़ नहीं, सबका स्वागत है. यह भी उचित है कि निवेश बढ़ना चाहिए. पर प्रदेश की राजधानी के अंदर एक ऐसा अड्डा खोला जाए जिसमें भगवा पहन जाना अलाउड न हो, टोपी और बुर्का पहन कर जाना अलाउड हो, ऐसा साउदी अरब में भी नहीं होता.
आशा है माल मैनेजमेंट और प्रदेश सरकार संज्ञान लेगी.