वृंदा ग्रोवर… यही आज पूरे भारत में आग लगाने वाले मोहम्मद जुबेर की वकील है। उन्होंने तमाम तरह की दलील यह दी हालांकि सुबूत इतने ज्यादा थे कि अदालत ने उनकी दलील को नहीं माना। अब इनके बारे में कुछ…
रंजना सिंह
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राजनीतिरंजना सिंहलेखक के विचार
मोदी जैसा कोई नहीं हर कोई बनना चाहता है मोदी
by रंजना सिंहby रंजना सिंह 192 viewsआप जिसका अनुसरण करते हैं,प्रशंसक होते हैं,भले आपमें उन व्यक्तित्व के गुणों के समान गुण न हो,पर समय के साथ पीछे चलते पाइयेगा कि आपको पता भी नहीं चला और उक्त के कई गुण आपमें आ गए। इसलिए महापुरुषों ने…
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कुछ कट्टरपंथी, कुछ सिरफिरे,,,,ऐसा जबतक हम मानते रहेंगे गरदनें रेती जाती रहेंगी।इलाज करने को बीमारी समझनी होगी।सत्य स्वीकारना होगा कि उस किताब पर आस्था रखने वाले,उसकी जद में रहने वाले हरेक के लिए यह उनका प्राथमिक,सबसे पहला फर्ज़ है। जिसमें…
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ईश्वर भक्तिजाति धर्ममुद्दारंजना सिंह
हिन्दूद्रोही उपहास उड़ाते थे “कब बनेगा राममन्दिर?
by रंजना सिंहby रंजना सिंह 278 viewsजब हिन्दूद्रोही उपहास उड़ाते थे “कब बनेगा राममन्दिर?” और भाजपा समर्थक स्वयं को ठगा हुआ महसूस करते थे।इसी तरह निर्लज्जता से डाका डाले डकैत,देशद्रोही, राजनीतिक अपराधी हुँकार भरते हैं कि “हिम्मत है,,हम गलत हैं,तो पकड़ के दिखाओ”…और भाजपा समर्थक दाँत…
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इतिहासऐतिहासिकरंजना सिंहसाहित्य लेख
पोंपेई द्वीप का प्राचीन शहर
by रंजना सिंहby रंजना सिंह 282 viewsहवाई से 4000 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में एक सुनसान सा द्वीप है, पोंपेई द्वीप। इस द्वीप पर एक वीरान इलाके में एक प्राचीन शहर नॉनमडाल के खण्डहर मौजूद हैं। नॉनमडाल सैकड़ो सैलून तक राजा शारानुआ और उनके वंशजो की…
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जनसंख्या विस्फोट ने देश की जो दुर्गति की,उसमें आज सरकारी हो या गैरसरकारी, नौकरी की एक वैकेंसी निकलती है, हजारों लाखों की भीड़ उस अवसर को लूट लेने को टूट पड़ती है।अशिक्षितों की तो छोड़िए शिक्षित बेरोजगारों की जो बड़ी…
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‘अग्निवीर’ फैसला सही है या गलत, यह तो भविष्य ही बताएगा। पर सोचने वाली बात है कि क्या यह सरकार का एकतरफा निर्णय है? यह असफल ही होगा, यह ओपिनियन जिसकी भी है, वह क्या सेना, वायुसेना और नेवी से…
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चिकित्सा जगतमुद्दारंजना सिंहलेखक के विचार
निःसंदेह वे देश पर बोझ हैं
by रंजना सिंहby रंजना सिंह 236 viewsदेश में आज उनकी की आबादी है लगभग 30% पर इनके म ज्जबी नजरिये और दर्जन भर बच्चे पैदा करने के संकल्प के कारण- *प्राईवेट अस्पतालों में तो इनकी भर्ती है मात्र 4% पर मुफ्त के सरकारी अस्पतालों में ये…
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पुत्री जैसे जैसे किशोरावस्था को पार कर रही होती है, अभिभावकों के मन में उसके विवाह और सुखद भविष्य के स्वप्न स्पन्दित होने लगते हैं। युवावस्था के बढ़ते पड़ाव के साथ साथ यह चिंता और व्याकुलता में परिवर्तित होता चला…
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रंजना सिंहअपराधजाति धर्ममुद्दासाहित्य लेख
साम्प्रदायिक हिंसा और योगी सरकार
by रंजना सिंहby रंजना सिंह 286 viewsमन इतना अशान्त और विचलित है कि ऐसे में संतुलित उद्गार देना अत्यन्त कठिन लग रहा है।अतः ऐसे में जो संतुलित रह पूरे कनविक्शन के साथ बात को रख पा रहे हैं और उसमें भी उनकी अभिव्यक्ति विचार अपने ही…