आमजन रक्षाबंधन को लेकर बहुत असमंजस में है। भसड़ मची पड़ी और बहुतै कंफ्रूज है आमजन। आओ पंडितों को लानतें भेजें। आओ लानत मलामत करें पुरोहितान की ज्योतिषान की। इस लानत मलामत में वह पंडित ज्योतिषी भी आगे जो शास्त्र…
परम्पराए
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दूध दही पर कर-मर और सावन-आवन के बीच आज भोजन संस्कृति पर एक प्रचण्ड हिंदूवादी सूचनात्मक (ज्ञानात्मक नहीं) पोस्ट का मौसम बन आया है। अहा.. कितना विराट है हमारा सनातन और उसकी हिंदुत्व जीवनशैली। देश में ऐसे मंदिर और धार्मिक…
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कल से इस चित्र का बहुत मजाक उड़ाया जा रहा है और एक जगह मुझे टैग भी किया गया। मैं उत्तर देता लेकिन इस चित्र और इस तालिबानी लड़ाके की मुखमुद्रा को देखकर गंभीर होकर रुक गया। अफगानिस्तान और पाकिस्तान,…
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1) ध्यान की नवीन पद्धति:- यूँ तो ध्यान वैदिक काल से ही प्रचलित था लेकिन बुद्ध ने ‘द्वार सुपर्णा सयुजा सखाया…” को ध्यान से जोड़कर सहस्त्रों व्यक्तियों को मुक्ति का मार्ग दिखाया। 2) शून्यवाद:- बुद्ध के ध्यान के लक्ष्य को…
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परम्पराएजलज कुमार मिश्रासामाजिकसाहित्य लेख
भारत का लोकमानस यहाँ हर दिन … | प्रारब्ध
by Jalaj Kumar Mishra 404 viewsभारत का लोकमानस यहाँ हर दिन मार्क्स के चेलों और नवबौद्धों के मुँह पर तमाचा मार कर कह रहा होता है कि भारत में धर्म का मतलब अफीम नही अस्तित्व और अस्मिता होती है। वैसे भी जो बुद्ध का पंचशील…
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जाति धर्मज्ञान विज्ञानपरम्पराएप्रेरणादायकमधुलिका यादव शचीसाहित्य लेख
परशुराम वास्तव में साधारण जनता के नायक हैं
by मधुलिका यादव शची 890 viewsवैवस्वत मन्वंतर के प्रथम “राम” जिन्होंने संसार को यह शिक्षा दी कि आचार्य का कार्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं है बल्कि यदि पुराने नियमों व्यवस्थाओं को आधार बनाकर अत्याचार किये जा रहें हों तो छात्र शक्ति को इतना सशक्त…
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परम्पराएदेवेन्द्र सिकरवारप्रेरणादायकसाहित्य लेख
अक्षय तृतीया व परशुराम जयंती
by देवेन्द्र सिकरवार 872 viewsवयं_पंचाधिक_शतं गर्ग संहिता में एक परिकल्पितअद्भुत भावुक प्रसंग है। कुरु राज्य का बंटवारा हो चुका था और युधिष्ठिर इंद्रप्रस्थ में स्थापित हो चुके थे। अर्जुन निषेधभंग के दंडस्वरूप बारह वर्ष के वनवास पर हैं। इसी बीच उग्रसेन अश्वमेध यज्ञ करते…
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जाति धर्मपरम्पराएरंजना सिंहलेखक के विचार
पवित्र पावन हमारी गंगा
by रंजना सिंहby रंजना सिंह 244 viewsपवित्र पवन हमारी गंगा आधुनिक वैज्ञानिकों ने भी परीक्षण कर माना कि हिन्दुओं में परमपवित्र मानी जाने वाली गंगा सचमुच ही सामान्य जल से अलग, विशिष्ट औषधीय गुणों से युक्त चमत्कारी जल/नदी है।यह अलग बात है कि समुद्र तक के…
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सामाजिकईश्वर भक्तिजाति धर्मज़ोया मंसूरीपरम्पराए
संसार की उत्पत्ति और विलय
by ज़ोया मंसूरीby ज़ोया मंसूरी 641 viewsपुराणों के अनुसार देव स्वर्ग में रहते हैं और असुर पृथ्वी के भीतर पाताल में। पृथ्वी के भीतर मौजूद हर सम्पदा असुरों की सम्पत्ति है और पृथ्वी के ऊपर की सम्पत्ति यक्ष की। भूमि का हर टुकड़ा, हर तालाब का…
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छोटे मौसेरे भाई की शादी कल भाई (मौसी के लड़के) की बारात जानी है… लेकिन मेरा दिल!! जोरों से धड़क रहा है.. अब आप सोच रहे होंगे क्यूं!! इसलिए कि…कल के विवाह में मेरा नाम भसुर (जेठ) के पद लिए…