चुनाव करीब आने पर पूरा वामपंथोन्मुख कांग्रेसी इको सिस्टम मीडिया भाजपा के खिलाफ जिस-जिस तरह के षडयंत्र करता है, ऐसा नहीं है कि सत्ता में होने की वजह से कर रहा है। वह तो जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उम्र 22 साल की थी, तब से कर रहा है। तरह-तरह से कर रहा है। उनके इस षडयंत्रकारी प्रतिबद्धता को हमेशा ‘लाल सलाम’ रहेगा।
जब सत्ता में कांग्रेस थी, प्रधानमंत्री नेहरूजी थे। राष्ट्रपिता की हत्या होती है। मजाल है कि कोई पत्रकार सत्ता से सवाल पूछ दे। गांधीजी की सुरक्षा के साथ देश क्यों ‘खिलवाड़’ कर गया 30 जनवरी 1948 को। उस समय तो हमें हमारा संविधान भी नहीं मिला था। कौन डर रहा था, भारतीय संविधान में गांधीजी के दखल से? किसी ने नहीं पूछा।
एक दो बार नहीं, पांच बार कोशिश हुई गांधीजी की हत्या करने की। कोई खुलेआम घूम रहा था, हत्यारा आएगा इसकी सूचना भी थी सरकार के पास। फिर कौन था जिसने गांधीजी तक हत्यारे के पहुंचने के सारे रास्ते खोल रखे थे? आज के दिन हम सबको इस सवाल का जवाब तलाशना चाहिए। इन सवालों से जो गोदी मीडिया 73 सालों से भाग रहा है, वह तो सच आपको बताने रहा।