बंजर रेगिस्तान में दफन हरे-भरे केरला की स्टोरी! शालिनी उन्नीकृष्णन, गीतांजलि और निमाह मैथ्यूज की कहानियों को द कश्मीर फाइल्स में लगाना चाहिए। क्योंकि ये फ़िल्म नहीं बल्कि दस्तावेज है, इनका मकसद और मंजिल एक ही है लेखक तिकड़ी सूर्यपाल…
ओम लवानिया
-
-
चलचित्रओम लवानियासामाजिकसाहित्य लेख
लव स्टोरीज से बोर हो चुके है दर्शक
by ओम लवानियाby ओम लवानिया 166 viewsलव स्टोरीज से दर्शक बोर हो चुके है। फिर भी बॉलीवुड बाय डिफ़ॉल्ट कंटेंट में लव स्टोरीज ही लिखता है। शाहिद कपूर और कृति सेनन की ‘अनटाइटल लव स्टोरी’ का पहला लुक जारी हुआ है। इसे देखकर वर्डिक्ट में ‘डिजास्टर-फ्लॉप’…
-
पुष्पा के निर्माताओं ने ‘द राइज’ को बड़े हल्के में लिया था बल्कि रीजनल स्तर पर ही सोचकर चले। पैन इंडिया आने का बाद में डिसाइड हुआ, लेकिन जब आए तो दर्शकों का ज़ोरदार स्वागत देखकर दंग रह गए। पुष्पा…
-
मुद्दाओम लवानियाराजनीतिसामाजिक
पीएम मोदी का दूसरा कार्यकाल एवं उनका मंत्रिमंडल
by ओम लवानियाby ओम लवानिया 156 viewsपीएम मोदी जी के दूसरे कार्यकाल मंत्रिमंडल में जिस मंत्री ने सबसे ज्यादा ध्याम आकर्षित किया है न, विदेश मंत्री एस जय शंकर है। सीधी और क्लियर बात, नो बकवास…. प्रमुखता व मुखर लहजे में बात रखते है, शब्दों के…
-
चलचित्रओम लवानियाजाति धर्मनयालेखक के विचारसामाजिक
आमिर खान अच्छे एक्टर है…
by ओम लवानियाby ओम लवानिया 144 viewsनिःसन्देह आमिर खान अच्छे एक्टर है लेकिन कलाकार नहीं, क्योंकि कलाकार निष्पक्ष होता है। इनमें निष्पक्षता दूर दूर तक न है। राजनीति में ख़ूब दिलचस्पी रखी और 2016 में तो खुलकर सामने आए। बल्कि 2006 में फना के वक्त भी…
-
मुद्दाओम लवानियाचलचित्रभारत निर्माणराजनीति
BHEED Trailer Review : Invisible Truth of Government
by ओम लवानियाby ओम लवानिया 162 viewsइतना तय है कि मोदी सरकार में अभिव्यक्ति की आज़ादी का रोना रोने वाले बेहद क्रिटिकल कंडीशन के मानसिक बीमार है। राजनीति के इतर सिने जगत से भी आवाज़ें उठती आई है कि सरकार हमारी आवाज़ को दबा रही है।…
-
चलचित्रओम लवानियानयालेखक के विचारसामाजिक
‘Zwigato’ Trailer : वो मजदूर है इसीलिए मजबूर है
by ओम लवानियाby ओम लवानिया 202 viewsकॉमेडियन कपिल शर्मा की आगामी फिल्म ‘Zwigato’ का ट्रेलर देखा है। कहानी भुवनेश्वर ओडिसा के इर्दगिर्द प्लॉट की गई है। इसके किरदार कोविड महामारी व लॉक डाउन के बाद वाली स्थिति से जुड़ते है। जॉब्स प्रॉब्लम और गरीबी को हाई…
-
फिल्म की कहानी कहानी शुरू होती है, बच्चों की अदला-बदली से जिसे करता है वाल्मीकि (परेश रावल), वाल्मीकि नहीं चाहता था उसका बच्चा गरीबी में पले इसलिए वह अपने मालिक के तुरंत पैदा हुए बच्चे से अपना बच्चे को बदल…
-
हमारे यहाँ फ़िल्म इंडस्ट्री में टीवी कलाकारों को बेहद तिरछी नजरों से देखा जाता है। या यूं कहें उन्हें कलाकार समझा ही नहीं जाता है। वैसे नब्बे के दशक के बाद टेलीविजन इंडस्ट्री गर्त में चली गई। अपने बेहूदे कंटेंट…
-
राजनीतिईश्वर भक्तिओम लवानियाजाति धर्मसामाजिकसाहित्य लेख
होइहि सोइ जो राम रचि राखा….
by ओम लवानियाby ओम लवानिया 191 viewsसत्ता में थे तब एफिडेविट देकर राम को काल्पनिक बतला रहे थे। तो वही, विपक्ष में बैठे है और अब सत्ता प्राप्ति के लिए राम नजर आने लगे। दरअसल, पूर्व विदेश मंत्री ने पिछले साल अपनी किताब में हिंदुत्व की…