इलोन मस्क ने अंततः ट्विटर को ख़रीद लिया. और ख़रीदते ही पहला काम किया गया पराग अग्रवाल समेत कई सारे टॉप एग्जीक्यूटिव को नौकरी से निकाला. निकाला भी कैसे गया – सिक्योरिटी गार्ड भेज दिया गया, आपकी सेवा समाप्त उठिये निकलिए. नहीं नहीं बाय बाय करना मिलना नहीं, गार्ड साथ में है बाहर तक धकेल आएगा. कल्पना कर देखिए एक मिनट पहले तक इतनी बड़ी कंपनी के सीईओ थे और अगले ही पल ऐसी बेज्जती से निकाले जा रहे हैं.
वैसे यह बिलकुल अनोखी बात नहीं. अमेरिकन कल्चर में इस तरह से निकाला जाना बहुत कॉमन है. फ़्राइडे को ऑफिस में बॉस ने बोला वाओ. ब्रेवो. ऑसम. यू आर द मैन. मंडे को ऑफिस में पिंक स्लिप चिपकी है. बोरिया बिस्तरा उठा चुपके से कट लीजिए अन्यथा अभी गार्ड आकर निकालेगा.
एक्चुअली यदि पराग अग्रवाल और इलान मस्क के बीच का ई मेल पढ़ें समझ आ जाएगा – इलान पूरी तरह से ऐग्रेसिव पुशी अमेरिकन बिज़नस मैन हैं. और पराग ट्विटर को बिलकुल आराम आराम से देशी कंपनी जैसे चला रहे थे. एक बार परेशान होकर या ऐसे ही पराग ने लिख दिया कि मुझे बॉस नहीं इंजीनियर समझिए. इलान ने बोला वेरी गुड. ये हुई बात. अगले हफ़्ते बोलता है तुम यूजलेस हो, इंजीनियर हो तो दिखाओ एक सप्ताह में क्या काम किया. उसका खूब मजाक उड़ाया कि तुम छुट्टी पर थे हवाई में ऐश कर रहे थे जब तुम्हारी कंपनी बिक रही थी. इण्डियन मैनेजमेंट तरीक़ा होता है कि मैनेजर / टॉप बॉस से ऐसे बात नहीं करते हैं. वह बताएगा कि पूँछ कर बताते हैं. अमेरिकन वे में यह सब ऐक्ज़क्यूज़ नहीं चलते हैं. आमने सामने बैठ ज़िम्मेदारी ले ख़ुद जवाब देना होता है नहीं तुरंत निकाल दिया जाता है.