मार्किट में Rnडियाँ भी किसिम किसिम की होती हैं ।
सड़क पे खड़ी 20 रु वाली Rn dee भी है , 20,000 वाली भी और दो लाख वाली भी ।
इसी प्रकार आप्रवासी मजदूर भी किसिम किसिम के हैं ।
बेह्यारी मजदूर ….. 20 रु वाला ….. जो बेहयार से दिल्ली पंजाब आ के Slums में नारकीय जीवन बिताता है ।
पंजाबी आप्रवासी 20k वाली जो वहां कनेड्डे मरीक़े में मराते हैं ।
बेहयारी और पंजाबी इन दोनों की ये खासियत है कि ये दोनों अपने चूल्हे चौके बैठक Drawing Room Bedroom मने पूरे घर में हग के लीप देंगे ….. फिर कहेंगे कि बहुत बस्साता है ….. ई तो साला नर्क हो गिया है ….. अब इहाँ रहने लायक़ नही है। चलो दिल्ली / कनेड्डे जा के टट्टी करें ।
दो दिन से कुछ बेहयारी बहुत चीख चिल्ला रो रहे हैं ।
हाय मर गए
हाय इंटरनेट बंद है 3 दिन से
हाय रेल बंद है
हाय पटना दिल्ली हवाई जहाज का किराया 25000 कर दिया ।
मुझे दिल्ली गुड़गांव नवेडा में जा के हगना है ।
हाय अब मैं दिल्ली कैसे जाऊंगा ।
साLey अपने घर मे तो अराजकता का नंगा नाच नाचेंगे , जंगल राज , ये आंदोलन , वो आंदोलन , ये खालिस्तान , वो आतंकवाद , ये जंगल राज , आगजनी , बलवा , बवाल …….
फिर रोयेंगे कि हमरा घर मे रोजी रोजगार नही है । नोकरी रोजगार Jobs नही है , इंडस्ट्री नही है ….. जंगल राज में कौन Industry लगायेगा बे ?????
बेहयार में 3 दिन नही 30 साल तक इंटरनेट आ रेल बंद करो ।
इनको बोलो , जैसे लोकडौन में पैदल आया था दीली बमई से , ओइसहीं पैदल जाओ ……. रेल फूंकने वाले को रेल नही ।