आज बिहाड़ ट्रेंड कड़ ड़हा है। (बिहारी में)
वजहें दो हैं। एक तो केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का बयान है, जिस पर मजे की बात है कि घोषित अपराधी लालू यादव की पार्टी के साथ शिवसेना के सांसदों ने भी बवाल काटा। उसी शिवसेना ने, जो मुंबई में बहादुरी से बिहारियों को पीटती है। गोयल ने कोई खास बात कही नहीं थी। लालू की प्राइवेट लिमिटेड पार्टी के कोटे से सांसद बने झाजी के बोलते वक्त वैसे ही कह दिया- ये लोग चाहते हैं कि पूरा देश बिहारी बन जाए। (ये कमेंट अव्वल तो अभिधा में बिल्कुल अहिंसक है, दूजे अगर ये व्यंजना में कहा गया है, तो भी ठीक है। मैं बिल्कुल समर्थन करता हूं। मेले राज्य छे छबछे ज्यादा आइएएछ होते हैं, के अलावा बिहार में है ही क्या?)
गोयल फंस गए झाजी के जाल में। अब झाजी चूंकि घोषित अपराधी के बेटे का अन्न खाते हैं, तो तुरंत तुगलक कुमार के डिप्टी नौनिहाल यादव बिहार की अस्मिता याद करने आ गए। इससे हास्यास्पद और बीमार कुछ नहीं हो सकता। लालू का बेटा, नौनिहाल यादव बिहार की इज्जत की बात करे, इससे घटिया कुछ नहीं हो सकता है।
दूसरी बात, उसी आरजेडी के एक विधायक (और पूर्व मंत्री) ने कही है। वह भी दरभंगा का ही है। बीच में उसके अध्यक्ष बनने की बात भी थी। उसका बेटा अमेरिका, बेटी लंदन में पढ़ते हैं (दरभंगा की आम जनता उस सीएम कॉलेज में पढ़ती है, जहां न जाने कितने संकाय बिना टीचर के हैं)। अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे निर्लज्जता की हरेक सीढ़ी को फलांग चुके हैं (खैर, तभी नेता हैं)।
उन्हें इलहाम हुआ कि भारत का माहौल खराब (उनकी कौम) के लिए है और इसीलिए उन्होंने ताकीद कर दी कि उनके बच्चे अब बाहर ही रहें। इनकी गज भर की जुबान तब न चली, जब पिछले 30 साल से ये दरभंगा को भकोस रहे हैं, इनकी पार्टी बिहार को खा गयी और इनके नेता पूरे देश में हम जैसे बिहारियों को लतखोर बना गए। आज इनके लिए माहौल खराब है।
की यौ Ajit Jha सिद्दीकी लेले किछ कहबै कि खाली पीयूषे गोयल लेल बोली अछि…
आज बिहार प्रगति कर रहा है
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