Home विषयअर्थव्यवस्था भारत के टैक्स स्लैब पर रोना

भारत के टैक्स स्लैब पर रोना

195 views
जो लोग भारत के टैक्स स्लैब पर रोना रो रहे हैं, उन्हें एक बार अपनी सालाना सैलरी का हिसाब (P60) दिखाने का मन करता है. जितने पैसे अकाउंट में आते हैं उससे ज्यादा टैक्स और नेशनल इंश्योरेंस के कट जाते हैं.
हां, बदले में सरकार सारी सुविधाएं देती है यह मत गिनियेगा… क्योंकि आप उन सुविधाओं के लिए भारी भरकम काउंसिल टैक्स और रोड टैक्स अलग से देते हैं.
और अगर आप दो पाउंड की एक चीज भी खरीदते हैं ना, तो उसमें 20% VAT लगा हुआ आता है. यानि इनकम का 50-55% टैक्स काट चुकने के बाद बचे खुचे से आपके खर्चे पर 20% टैक्स अलग से लगता है.
और इतने के बाद भी इंग्लिश इकोनॉमी कराह रही है. पिछले बारह वर्षों में किसी की भी सैलरी एक पेनी नहीं बढ़ी है, जबकि हर चीज की कीमत पिछले तीन साल में 30-40% बढ़ गई है. गैस, बिजली और पेट्रोल तो दोगुना हो गया पिछले साल भर में.
जबकि पिछले दस वर्षों में भारत में औसत आमदनी तीन से चार गुना बढ़ी है. फिर भी भारत का 90% टैक्स पेयर 10% से कम के टैक्स स्लैब में आता है, और उसपर भी इतना रोना धोना.
यह मत पूछिए कि बजट से आपको क्या मिला? यह सोच कर खुश होइए कि सरकार ने आपसे मामूली भर टैक्स लेकर छोड़ दिया. सरकार से मांगने के फेरे में मत पड़िए… सरकार से जो भी मिलता है वह बहुत महंगा पड़ता है. सरकार के पास अपना कोई पैसा नहीं होता. सरकार के पास सिर्फ आपका पैसा होता है. और सरकारें आपका पैसा खर्चने के लिए बेचैन हैं. दूसरों का पैसा खर्चने से मजे का काम और कोई नहीं होता…अपने कुछ मांगा नहीं कि उन्हें आइडिया आने लगेंगे…

Related Articles

Leave a Comment