पांच साल पहले लिखा था-
भारत में कोई भी व्यक्ति गेहूं, चावल, आलू, प्याज व पैट्रोल ये पंच पदार्थ का स्टॉक कर ले, अनंतकाल तक शासन कर सकता है।
पर ये नहीं पता था कि कोरोना और यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण ऐसी स्थिति आ सकती है कि कोई इनके जरिये विश्व को अपने इशारों पर नचाने की योजना भी बना सकता है।
-वायुसेना विश्व में तीसरी सबसे घातक शक्ति
-ब्रह्मोस का अभी कोई तोड़ नहीं
-थलसेना की कॉम्बेट पॉवर हिमालय में चैक
-नौसेना में क्वाड व अंडमान का दबदबा
#संदेश:- चीनी दूर ही रहें, बेहतर रहेगा।
-पैट्रोल रिजर्व लबालब किये जा चुके
-ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर निरंतर कार्य
और अब
– गेंहूं व चीनी का स्टॉक।
-दालों की खेती अफ्रीका में लीज पर करवाई ही जा रही है।
-इंडोनेशिया व मलेशिया से पाम ऑयल आयात।
#संदेश:-
1-घरेलू स्तर पर भोजन की कमी नहीं होगी।
2-अरब देशों सहित यूरोप को अगर भोजन चाहिए तो काशी, मथुरा, कुतुबमीनार सहित किसी भी मसले पर मुँह न खोलें।
निशाना:- गिलगित, बाल्टिस्तान
निष्कर्ष:- न्यू वर्ल्ड ऑर्डर की पटकथा लिखी जा रही है जो शायद इस बार गेंहूं और शक्कर से लिखी जाएगी क्योंकि यूरोप का अन्नदाता यूक्रेन और गैस-तेल दाता रूस दोंनों ही अपनी सप्लाइचेन खो चुके। चीन तक घबराहट में गेंहूं का स्टॉक कर रहा है। जबकि भारत गेंहूं का खासा उत्पादन करता है।
आप बस इस बंदे के साथ खड़े रहो। ये अखंड भारत बनवाकर ही जायेगा और तीन नहीं तीन हजार जगहों की खुदाई करेगा।

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