Home लेखक और लेखअजीत सिंह चुनाव चललिया है ।

चुनाव चललिया है ।

by Ajit Singh
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एक विधानसभा छेत्र में गांव के 4 उपद्रवी लोगों ने भाजपा प्रत्याशी को खदेड़ दिया । गांव में घुसने नही दिया ।
अब जब ये खबर सुपारी पत्रकार ने सुनी तो उसे भोत आनंद हुआ ……
उसकी Spinal Chord से Sympathetic Impulses उत्पन्न होने लगे ………
सिलोली सिलोली ओ पॉइंट ऑफ नो रिटर्न की तरफ बढ़ चला ……
वीर्य सब यूरेथ्रा में एकत्र हो स्खलन के लिये तैयार हो चला …….
Penile Muscles और G के Muscles में भी Rapid Fire Contractions होने लगे
थोड़ी Involuntary Pelvic thursting भी होने लगी …..
हृदय गति बढ़ गयी …..शरीर मे खून का दौरा भी बढ़ गया ……
पूरे शरीर के Muscles ऐंठने लगे …….
आंखों की पुतलियां पलटने लगी ……
मुह से सिसकारियां निकलने लगी ……..
सुपारी पत्रकार के मुह से निकला ……Ohhhhh ……Ahhhhh ……
और फिर वो स्खलित हो गिया ।
भाजपा नेताओं को लोग गांव में घुसने नही दे रहे , ये सुन के उसे चरम आनंद हुआ , उसे चरमोत्कर्ष की प्राप्ति हुई ।
इसके बाद उसका शरीर शिथिल पड़ गया ।
2014 से ही जो तनाव शरीर मे बना हुआ था वो सब दूर हो गया ।
Relaxe …… Relaxe …… अंततः भाजपा नेताओं को लोग गांव में घुसने नही दे रहे ।
Eureka …….
इस चरम आनंद की अनुभूति से उबरने में उसे दो चार मिनट लगे ।
तभी एक और Breaking News आयी ।
पश्चिमी UP में रालोद के सिंबल पे लड़ रहे M प्रत्याशियों को जाट गांव में घुसने नही दे रहे …… गांव वालों ने M प्रत्याशी की गाड़ी पे पत्थर बरसाये , गालियां दीं और गांव से खदेड़ दिया ।
इतना सुनते ही समाज विज्ञानी चुनाव विशेषज्ञ सुपारी पत्रकार भोंकर के रोने लगा …… पुक्का फार के रोने लगा ….. नयनों से अश्रुधारा बहने लगी …… नाक बहने लगी ….. बहती हुई नाक से निकल मुह में जाने लगी …… सुपारी पत्रकार जोर से चीखा …….नहींईईईई …… ऐसा नही हो सकता ……
कह दो कि ये झूठ है …..
और फिर वो जमीन पे लोट पोट के रोने लगा ।
नही ये सच है …… पश्चिम में जाट M नेताओं को गांव में ना बड़न दे रे …….
इतना सुनते ही सुपारी पत्रकार ने पत्थर पे हाथ मार के अपनी चूड़ियां तोड़ डालीं ……मांग का सिंदूर पोंछ डाला ….. सुहाग के चिन्ह सब नोच चोथ के फेंक दिये और गोटेदार चमकीला लाल लुग्गा उतार के सफेद साड़ी पहन ली ……
नए मेकअप में सुपारी पत्रकार चीत्कार करने लगा ।
विलाप करते हुए बोला , ये तो सरेआम गुंडागर्दी है …….
लोकतंत्र खतरे में है …..
ऐसे ही देश चलेगा क्या ?
देस में असहिशून्यता भोत बढ़ रेली है ……
M खतरे में हैं ……..
I Slam खतरे में है …….
देश मे सभी Institutions का क्षरण हुआ है …
देश मे तानाशाही नही चलेगी …….
Blah Blah Blah
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