राष्ट्र माने Kingdom होता है।
चाणक्य ने राष्ट्र शब्द का इस्तेमाल किया ठीक, लेकिन क्या उन्होंने nation शब्द का इस्तेमाल किया?
Nation एक Western विचार है।
—-उपर्युक्त मदमस्त विचार सेंट स्टीफंस में बास्केटबॉल कोटे से पढ़कर फेल होनेवाले श्री राहुल गांधी जी के हैं।
श्री राहुल कैंब्रिज में बैठ कर ये दलील देते हैं, उनके जैसे करोड़ों हिंदू इसी देश में, इसी गली में करते हैं।
एक कहानी याद आती है।
एक कुएं में गलती से समंदर का मेंढक चला आया। कुएं वाले मेंढकों ने पूछा-भाई कहां से आए हो?
समंदर वाले ने बताया कि वह समंदर से आया है। फिर, बाकी मेंढक समंदर के बारे में पूछने लगे। कुछ उछल-कूद कर बताने लगे- इतना बड़ा है, इस कोने से उस कोने, इतना बड़ा?…
समंदर वाला क्या जवाब देता…सबमें बोलता गया…नहीं भाई, इससे भी बड़ा है।
कुएं वाले मेंढकों ने मंत्रणा की और फतवा दिया- यह समंदर वाला मेंढक पागल है। मारो इसको।
और…..वह समंदर वाला मारा गया।
पुनश्च: राष्ट्र माने किंगडम होता है।
डबल पुनश्च: मेरी नानी कहावत कहती थीं–हउ बाबू…अइ राज मं चुप्पे रहनाइ मं भलाई…यानी, मौन ही में अब कुशल है।