हेनरिक हिमलर मानता था कि इतिहास को अपने हिसाब से फिर से लिखा जाना चाहिए।
एसएस के प्रमुख और मृत्यु शिविरों के नाजी नेटवर्क के निर्माता हिमलर को इतिहास को फिर से लिखने का जुनून था। वह मानता था कि पुरातत्वविदों ने प्राचीन जर्मन लोगों की महान उपलब्धियों की लंबे समय तक उपेक्षा की थी। हिमलर का मानना था कि जर्मनी के पूर्वज – लंबे, नीली आंखों वाले, गोरे, सुनहरे बालों वाले आर्य – अफ्रीका के सवाना में बाकी मानवता के साथ नहीं, बल्कि आर्कटिक के बर्फीले बंजरों में विकसित हुए थे। वहाँ, एक कठोर प्राकृतिक चयन द्वारा परिष्कृत वे एक अजेय मास्टर रेस बन गए थे। लेकिन लगभग 12,000 साल पहले, हिमलर के सिद्धांत के अनुसार, एक प्राकृतिक प्रलय ने पृथ्वी को हिला दिया, बिखरे हुए आर्य उपनिवेशों को नष्ट कर दिया और अब, केवल दुनिया के चुनिंदा हिस्सों में – विशेष रूप से उत्तरी यूरोप में – कुछ सच्चा आर्य रक्त बचा था।
हिमलर का इतिहास पूरी तरह से काल्पनिक था, लेकिन उनका विश्वास अडिग था। 1935 में उन्होंने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए पुरातात्विक साक्ष्य के निर्माण के लिए एक शोध संस्थान ‘Ahnenerbe अहनेरबे’ की स्थापना की – खुद को राष्ट्रपति नियुक्त किया, और प्राचीन इतिहास में एक नया अध्याय लिखने में मदद करने के लिए साहसी, रहस्यवादी, करियर और प्रतिष्ठा लोलुप पुरातत्वविदों के एक विचित्र मिश्रण को भर्ती किया। उसे आर्य जाति का इतिहास लिखवाना था । इस विचित्र सपने को साकार करने के लिए विभिन्न अभियान इथियोपिया, अफगानिस्तान, ग्रीनलैंड और उससे भी आगे भेजे गए, जिनमें से प्रत्येक को तीसरे Reich की पूरी शक्ति का समर्थन प्राप्त था।
‘द मास्टर प्लान’ उन जर्मन वैज्ञानिकों और विद्वानों का भी पर्दाफाश करता है, जिन्होंने अपने शोध को विनाश को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी – जिनमें से कई युद्ध के अंत होते अपने पूर्व शैक्षणिक पदों पर चुपचाप लौट आए ।
‘द मास्टर प्लान’ भ्रम और अतिवाद की कहानी है; वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक और राजनीतिक शक्ति के दुरुपयोग का। इसमें एक साहसिक कार्य की सारी ऊर्जा है, लेकिन बीसवीं शताब्दी के इतिहास में एक भयानक घटना का डरावना सत्य भी है।
अनुवाद समाप्त।
वैसे, जर्मन्स को म्लेच्छों से बहुत प्रेम रहा है। पहले विश्वयुद्ध में जर्मनी और तुर्की खिलाफत सहकारी राष्ट्र थे। तुर्की ने आर्मेनियन ईसाइयों का नरसंहार किया था। छुपाने की, दबाने की और नकारने की भरसक कोशिशें करता है तुर्की आज भी। दूसरे विश्वयुद्ध में हिटलर की जर्मनी को ईरान से बहूत प्रेम था। हिटलर ने यहूदियों का नरसंहार किया था ।
अपने मन मर्जी का इतिहास या बकवास – कौन किससे सीखा ? हिटलर और हरियल, दोनों में अधिक पुराना कौन ?