स्वरा भास्कर जैसी प्रगतिशील अदाकारा भी आखिरकार संघी सांप्रदायिक मनुवादियों के बहकावे में आ ही गई। आखिरकार उन्होंने आफताब पूनावाला जैसे रहमदिल नेक आशिक को राक्षस बता डाला। क्या करिएगा! ये समय ही इतना खराब है कि मीडिया और बाजार…
Isht Deo Sankrityaayan
-
-
कहानियाइष्ट देव सांकृत्यायनईश्वर भक्तिसाहित्य लेख
कलियुग के महात्मा
by Isht Deo Sankrityaayan 465 viewsकथा महाभारतकाल की है। पाण्डवों ने श्रीकृष्ण से कलियुग के बारे में पूछा। जानना चाहा कि कलियुग में क्या होगा, मनुष्य का व्यवहार कैसा होगा और उसे मोक्ष कैसे प्राप्त होगा। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा – “तुम पांचों भाई वन…
-
राजनीतिइतिहासइष्ट देव सांकृत्यायनईश्वर भक्तिऐतिहासिकजाति धर्मसाहित्य लेख
महात्मा गाँधी के विचार
by Isht Deo Sankrityaayan 171 views[गांधी जी के ये जो विचार मैं यहाँ दे रहा हूँ, सभी प्रार्थना सभाओं में व्यक्त किए गए उनके विचारों के संकलन प्रार्थना प्रवचन खंड 1 से लिए गए हैं। उन दिनों कारक (ने, से, को आदि) संज्ञा से जोड़कर…
-
जाति धर्मEnglish Storiesइष्ट देव सांकृत्यायनपरम्पराएलेखक के विचारसामाजिकसुरक्षा
26 सितंबर 2022 से नवरात्र आरंभ
by Isht Deo Sankrityaayan 295 viewsसितंबर का अंतिम रविवार 25 को है। अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में बेटी दिवस यानी daughters day। 26 सितंबर से नवरात्र आरंभ हो रहा है। ये पूरे नौ दिन स्त्री मात्र को समर्पित हैं। पहला दिन शैलपुत्री यानी baby girl and daughters’…
-
शिक्षाइष्ट देव सांकृत्यायनप्रेरणादायकसामाजिक
पढ़ाने–सिखाने की बात♦ शिक्षक दिवस पर खास
by Isht Deo Sankrityaayan 207 viewsआज शिक्षक दिवस पर शिक्षक और शिक्षार्थी के विषय में कहा गया एक प्राचीन आचार्य का कथन याद आ गया। चौदहवीं शताब्दी का यह महान् शिक्षक है रसाचार्य ढुण्ढुक नाथ, जो सिद्ध कालनाथ के शिष्य थे और भारतीय रस विद्या…
-
मुद्दाइष्ट देव सांकृत्यायनलेखकों की चुटकी
फुद्धिजीवी माफिया भाई भाई
by Isht Deo Sankrityaayan 390 viewsबिना किसी न्यायिक आदेश के भी नगर निगमों और शहरों के विकास प्राधिकरणों में बैठे आईएएस या पीसीएस तुगलकों का जब मन होता है कृषिभूमि, पार्कभूमि या किसी भी तरह सरकारी भूमि बताकर गरीबों के घर गिरा दिए जाते हैं।…
-
60 के दशक तक बम्बइया फिल्मों में भारत दिखाई देता था। इसके बाद न मालूम क्या हुआ कि भारतीय परिवेश के नाम पर केवल हॉलीवुड का कूड़ा परोसा जाने लगा। 80 के बाद तो मौलिकता गायब ही हो गई। हर…
-
इष्ट देव सांकृत्यायनमुद्दा
पता नहीं क्यों लोग विवाद से इतना जलते हैं?
by Isht Deo Sankrityaayan 211 viewsपता नहीं क्यों लोग विवाद से इतना जलते हैं, जबकि विवाद सबसे अच्छी चीज है। हिंदी की कई फिल्मों और कई कवियों को तो हम जानते ही इसलिए हैं कि उन पर विवाद उठे। हालाँकि विवाद के नतीजे हर बार…
-
लेखक के विचारइष्ट देव सांकृत्यायनसामाजिक
फ़िरोज़ाबाद में गर्भवती महिला की चमत्कारिक बच्ची
by Isht Deo Sankrityaayan 303 viewsफिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक दर्दनाक हादसे में गर्भवती महिला की मौत हो गई है। बुधवार को घटी इस घटना में एक चमत्कार हुआ। दुर्घटना इतनी भयानक थी कि महिला की मौके पर ही मौत हो गई, लेकिन…
-
ग्लोबल हैपिनेस इंडेक्स ◆ उस्ताद-उस्ताद! ¶ बोल बे जमूरे! ◆ उस्ताद ये ग्लोबल हैपिनेस इंडेक्स क्या चीज होता है? ¶ जरूर कोई ऊँची चीज है, भौत उम्दा टाइप। ◆ हाँ, सों तो मुझे भी मालूम है कि है तो जे…