इंग्लैंड में प्रधानमंत्री पद की डिबेट में लिज ट्रस और ऋषि सुनक के बीच टैक्स को लेकर मतभेद सामने आया. चांसलर (वित्त मंत्री) रहते हुए ऋषि ने कॉरपोरेट टैक्स को 19% से बढ़ाकर 24% करने और NI टैक्स को 12%…
अर्थव्यवस्था
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हमें ऐसा क्यों लगता है कि खाद्य पदार्थ करमुक्त होने चाहिए ? क्या इनपर कर लेना (एक छोटा सा प्रतिशत ) वह भी केवल पैकेज्ड किराना पर, अन्याय है ? क्या शासन इस कर से प्राप्त राजस्व का ‘भ्रष्ट’ उपयोग…
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अर्थव्यवस्थाअमित सिंघलमुद्दाविदेश
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को देखने का एक नया दृष्टिकोण
by अमित सिंघलby अमित सिंघल 225 viewsश्री लंका की क्राइसिस को एक अन्य दृष्टिकोण से देखने का आग्रह करूँगा। इस समय 2.2 करोड़ जनसँख्या वाले श्री लंका पर 5100 करोड़ डॉलर का विदेशी उधार है। पिछले वर्ष जीडीपी थी 8500 करोड़ डॉलर। 9 मार्च तक एक…
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अर्थव्यवस्थामुद्दाविदेशसुमंत विद्वन्स
श्रीलंका की वर्तमान स्थिति के लिए मुफ्तखोरी ही नहीं जिम्मेदार
by सुमंत विद्वन्स 271 viewsश्रीलंका की वर्तमान स्थिति के लिए मुफ्तखोरी अवश्य जिम्मेदार है, लेकिन केवल उसी को सबसे बड़ा कारण मत मानिये। उसके अलावा भी कई सारे कारण इसके लिए जिम्मेदार हैं। अपने लिए चिंता की बात यह होनी चाहिए कि वे सब…
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सामाजिकअर्थव्यवस्थाविवेक उमराओशिक्षा
भारत में बजट का लगभग 20% शिक्षा पर खर्च हो – 2
by Umrao Vivek Samajik Yayavar 230 viewsजब बजट के लगभग एक चौथाई (25%) का हिसाब-किताब नहीं मिला, तो बहुत लोगों ने फेसबुक व व्हाट्सअप पर यह बताया कि बजट का एक चौथाई भारत सरकार द्वारा लिए गए विदेशी लोन का ब्याज इत्यादि भरने में जाता है।…
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अर्थव्यवस्थाप्रांजय कुमारमुद्दासामाजिकसाहित्य लेख
आज भारत सबसे अलग सबसे जुदा सबसे द्रण
by Pranjay Kumar 220 viewsश्रीलंका के कोलैप्स हो जाने पर भारत के जोकर बुद्धिजीवियों के 2 वर्ग देखे गए पहला जो “हमारे वाले कब झोला लेकर निकल रहे” और दूसरे वो जो भारत के भी ढह जाने का भय दिखा रहे थे। अंग्रेजों में…
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रॉजर्स यहां की एक बहुत बड़ी मोबाइल कंपनी है। कनाडा के संदर्भ में इसे आप भारत की एयरटेल या जियो जैसी कंपनी समझ सकते हैं। रॉजर्स के लगभग एक करोड़ उपभोक्ता हैं। इसके अलावा फिडो, चैटर, रॉजर्स बैंक, रॉजर्स केबल…
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अमित सिंघलअर्थव्यवस्थाराजनीति
“मुफ्त बेचना नहीं है, कमाना है आपको”।
by अमित सिंघलby अमित सिंघल 187 viewsप्रधानमंत्री मोदी ने 30 जून को कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) से ही आत्मनिर्भर भारत अभियान को सिद्धि मिलेगी, भारत सशक्त होगा। भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग एक तिहाई हिस्सेदारी MSME सेक्टर की है। भारत आज अगर…
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पूंजीवाद में हर वस्तु की एक क़ीमत है जिसे समाज निर्धारित करता है, वहीं समाजवाद में क़ीमत वह जो सरकार निर्धारित करे, अन्यथा सब कुछ फ़्री माना जाता है. हाल ही में मैं चिटकुल में था. ऐसा भव्य प्रकृतिक स्थल…
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अर्थव्यवस्थादयानंद पांडेयभारत निर्माणभारत वीरमुद्दासुरक्षा
सेना के बजट से सरकार को समझौता नहीं करना चाहिए
by दयानंद पांडेय 236 viewsसरकार के पास पैसा नहीं है तो केवल मुफ़्त लुटाऊ योजनाएँ बंद कर दें तो अरबों रुपये बच सकते हैं और एक सशक्त सेना स्थाई रूप से रखी जा सकती है । सेना के बजट से समझौता नहीं करना चाहिए…