फिर रावण के सेनापति प्रहस्त ने कहा, “महाराज! हम लोग देवता, दानव, गन्धर्व, पिशाच, पक्षी और नाग आदि सभी को पराजित कर सकते हैं, फिर उन दो मनुष्यों को हराना कौन-सी बड़ी बात है? हम लोग पहले असावधान थे क्योंकि…
सुमंत विद्वन्स
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सुमंत विद्वन्सईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायक
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 88
by सुमंत विद्वन्स 230 viewsश्रीराम की आज्ञा पाकर सब वानर अपनी गुफाओं से निकलकर चल पड़े। वे हाथियों के समान विशालकाय और हृष्ट-पुष्ट थे। उनमें से कुछ वानर आगे बढ़कर सेना के लिए मार्ग बनाते जा रहे थे, कुछ सेना की रक्षा के लिए…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड भाग 87
by सुमंत विद्वन्स 221 viewsहनुमान जी से पूरा वर्णन सुनने के बाद श्रीराम बोले, “हनुमान ने बहुत बड़ा कार्य किया है। इस भूमण्डल में ऐसा कार्य करने की बात कोई सोच भी नहीं सकता। देवता, दानव, यक्ष, गन्धर्व, नाग और राक्षसों में भी ऐसा…
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ऐतिहासिकईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण सुन्दरकाण्ड भाग 85
by सुमंत विद्वन्स 230 viewsसमुद्र को पार करके हनुमान जी महेन्द्रगिरि पर उतरे। अपने वानर-मित्रों से शीघ्र मिलने की उत्सुकता में उन्होंने बड़े तीव्र स्वर में गर्जना की। उसे सुनते ही जाम्बवान हर्ष से खिल उठे। तुरंत ही उन्होंने सब वानरों को बुलाकर उनसे…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण सुन्दरकांड भाग 84
by सुमंत विद्वन्स 183 viewsदरबार में पहुँचने पर हनुमान जी ने दुरात्मा रावण को देखा। उसकी आँखें लाल-लाल और डरावनी थीं। उसकी दाढ़ें बड़ी-बड़ी और होंठ लंबे-लंबे थे। उसका पूरा शरीर कोयले के समान काला था। उसने सोने का चमकीला एवं बहुमूल्य मुकुट पहना…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसाहित्य लेखसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण सुन्दरकांड भाग 83
by सुमंत विद्वन्स 341 viewsसीता जी से विदा लेकर हनुमान जी उत्तर दिशा की ओर बढ़े। लेकिन कुछ दूर जाने पर उन्होंने विचार किया कि ‘सीता जी का पता तो मैंने लगा लिया, किन्तु शत्रु की शक्ति का पता लगाना भी आवश्यक है। मुझे…
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सच्ची कहानियांपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण सुन्दरकांड भाग 82
by सुमंत विद्वन्स 488 viewsसीता जी ने देखा कि श्वेत वस्त्र पहना हुआ एक वानर वृक्ष की शाखा के बीच छिपा हुआ बैठा है। उसका रंग कुछ-कुछ पीला था और उसकी आँखों में तपे हुए सोने जैसी चमक थी। इस प्रकार सहसा प्रकट हुए…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकलेखक के विचारसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण सुन्दरकांड भाग 81
by सुमंत विद्वन्स 187 viewsसीता को अपने वश में करने का उन राक्षसियों को आदेश देकर रावण वहाँ से चला गया। उसके जाते ही वे सब भयंकर राक्षसियां सीता को घेरकर बैठ गईं। हरिजटा, विकटा, दुर्मुखी आदि राक्षसियाँ एक-एक करके अत्यंत कठोर वाणी में…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण सुन्दरकांड भाग 80
by सुमंत विद्वन्स 196 viewsजब यह निश्चित हो गया कि वह स्त्री ही सीता है, तो हनुमान जी उससे मिलने के लिए सही अवसर की प्रतीक्षा में वृक्ष पर ही छिपकर बैठे रहे। दिन बीत जाने पर जब चन्द्रमा का उदय हो गया, तब…
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ईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण सुन्दरकांड भाग 79
by सुमंत विद्वन्स 203 viewsरावण के महल में हर ओर खोजने पर भी जब सीता नहीं दिखाई दीं, तो हनुमान जी बहुत चिंतित हो गए। उनके मन में विचार आया कि ‘अवश्य ही सीता अब जीवित नहीं हैं। इस दुराचारी राक्षस ने उन्हें मारा…