Home चलचित्र कंगना की नही मेरी सुनो ….. बुढ़िया से बियाह मत करो..

कंगना की नही मेरी सुनो ….. बुढ़िया से बियाह मत करो..

Ajit Singh

by Ajit Singh
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कोई एक लौंडा था ।
25 – 26 बरस का ।
ऊ बियाह किया अपने से 20 – 22 साल बड़ी लु गाय से ।
मने पतिदेव 26 बरिस के और धर्मपत्नी 46 – 48 साल की ।
इसपे कंगना रनौत ने उनको मुबारकबाद दिया ।
बोली मर्दों की सोच बदल रही है ।
लौंडे Progessive हो रहे हैं ।
बड़ी अच्छी बात है ।
इसपे मैंने अपने Youtube चैनल पे एक वीडियो बनाया था ।
उसका शीर्षक था …. कंगना की नही मेरी सुनो ….. बुढ़िया से बियाह मत करो……
उसमे मैंने लौंडों को ये समझाने की कोशिश की कि क्या problems आएंगी तुमको अगर अपने से 20 साल बड़ी लु गाय से सादी करोगे तो …….
अभी एक पोस्ट पढ़ी ।
उसमे लिखा था कि रेगिस्तानी खजूर बहुत बड़े loser थे ।
जो जो काम करने में असफल रहे वो सब ह राम कर गए ।
Music ह राम
Painting , Dance , Drama , लिखना , पढ़ना सब ह राम ।
असल मे ये खजूर की हताशा निराशा का परिणाम था ।
खजूर ने भी वही गलती की थी जो आजकल के लौंडे कर रिये हैं । खजूर ने भरी जवानी में जब कि वो 24 साल के थे एक 55 साला बुढ़िया बेवा से सादी कल्ली । अब भैया जिनको तनिक भी Human Anatomy Physiology की जानकारी है वो जानते हैं कि इस उम्र में लु गाय एकदम सूख जावे है ।
मने No Lubrication and Lots and Lots of Friction …… मने यूँ समझ लो कि रेगमार पे रगड़ रिये हों ।
सो खजूर की जवानी तो बीती रेगमार से रगड़ने में ।
बाद में जब खुद 55 साल के हुए तो जवान लु गायें नसीब हुईं तब तक शिलाजीत मुक चुकी थी । कहने का जे मतलब कि खजूर जिनगी भर रहे शेखसुल्ली frustrated ……
उसी हताशा Frustration का नतीजा ये रहा कि सब कुछ ह राम कर गये ।
सो मैं आजकल के इन so called Progressive लौंडन को जे समझा रिया हूँ कि बु ढ़िया से बि याह करोगे तो ता उम्र रेगमार रगडोगे ……और Frustration में जियोगे जैसे खजूर जिये ।
बाकी किसी फेमिनिस्ट को अगर बु ढ़िया शब्द पे आपत्ति हो तो वो वृद्धा पढ़ ले ।

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