मेरी हालत विश्वविख्यात यूनानी महाकाव्य इलियड की पात्र, राजकुमार पेरिस व हैक्टर की बहन कसेंड्रा की तरह हो गई है जिसे एक वरदान व एक शाप मिला हुआ था।
वरदान यह था कि वह भविष्य देख सकती थी।
शाप यह था कि कोई उसकी बात पर भरोसा नहीं करेगा।
उसने देखा कि ट्रॉय जल रहा है।
वह रोई, चिल्लाई, गिड़गिड़ाई।
उसने अपने राजा पिता प्रियेम के सामने राष्ट्रहित की दुहाई दी,
वह अपने भाई हैक्टर के सामने रोई,
वह प्रजा के सामने जाकर गिड़गिड़ाई,
….कि हेलन का मोह छोड़ दो वरना ट्रॉय जलेगा।
किसी ने उसकी बात नहीं मानी।
ट्रॉय का नामोनिशान मिट गया।
लेकिन
लेकिन
लेकिन
बचे वे देवता भी नहीं और उस निर्दोष राष्ट्रभक्त कन्या की निरीह मृत्यु का बदला देवताओं को भी चुकाना पड़ा।
आज विश्व में ज्यूस, पोसाइडन और अपोलो को पूजने वाला कोई नहीं बचा। उनके मंदिर ध्वस्त हो गए और अब वहां उल्लू बोलते हैं और चमगादड़ों का बसेरा है।
कृष्ण का कर्मसिद्धांत अमोघ है। उससे देवता भी बच नहीं सकते आप तो इंसान हैं।
कन्हैयालाल की निरीह हत्या पर चुप्पी का पाप आपको जीने नहीं देगा।