Home लेखक और लेखअजीत सिंह गुस्से में मेरी सवेदनाएँ : कृपया माफ़ करियेगा

गुस्से में मेरी सवेदनाएँ : कृपया माफ़ करियेगा

by Ajit Singh
651 views
आज मैं थोड़ा गुस्से में हूँ ।
आक्रोशित हूँ ।
इसलिये पोस्ट में कुछ लोकभाषा के देशज शब्दों का प्रयोग कूट भाषा मे हो जाये तो क्षमा करेंगे ।
* भैया , पैसे भर की मेरी G नही है पर मुझे हाथी के L का बयाना लेना है । कैसे लूँ , कृपया मार्गदर्शन कीजिये ।
* भैया , गुड़गांव में रहता हूँ । जिनगी में कभी अरावली की पहाड़ी नही देखी । पर मेरे कूँ माउंट एवरेस्ट पे चढ़ के G मरानी है । अगले हफ्ते मेरे कू 3 दिन की छुट्टी है । पिलीज मेरे कूँ 3 दिन में Everest चढ़ा दो ।
* भैया , मैं पेशे से Engineer हूँ । मेरी कंगारू mother ने मुझे जिनगी में कभी पेट वाली थैली से नीचे नही उतरने दिया ।
पर अब मेरी को कंगारू की तरह फुदक फुदक के पूरा लेह लद्दाख घूमना है । office से 4 दिन की छुट्टी ली है । पिलीज 4 दिन में Delhi Leh Delhi घुमा दो ।
* भैया मेरे बाप ने मुझे जिनगी में कभी साइकिल न चलाने दी । बोलता था रहने दो , तुमसे न हो पायेगा । चोट लग जायेगी ।
तुमको साईकल चलाने की क्या ज़रूरत है । मैं Car से छोड़ आऊंगा । 20 km Bike चलाने पे मेरी G में बवासीर भगंदर fissure Fistula सब उभर आती है ।
पर अब मुझे अपने बाप से बदला लेना है ।
मेरे को बुलट पे लाहौल स्पीति लेह लद्दाख घुमा दो ।
* मेरे को सिर्फ 3 दिन में Spiti Valley घुमा दो ।
* भैया , Activa , Platina , Passion , पल्सर चली जायेगी लेह लद्दाख ?
Fb पे इतने सारे घुमक्कड़ी के ग्रुप हैं ।
ऐसी बकचोदी रोज़ाना पढ़ने को मिलती है ।
High Altitude Tourism पे , Adventure Tourism पे इतना कुछ लिखा पढ़ा जाता है ।
अरे भैया , High Altitude पे Adventure Tourism करना है तो 3 दिन में नही हो सकता ।
High Altitude यानी 8000 से 15,000 या 17,000 फ़ीट तक घूमने के लिये शरीर का Acclamatize होना जरूरी है ।
12000फ़ीट से ऊपर रात बिताने के लिये कम से कम 5 या 7 दिन का acclamatization जरूरी है ।
पहली रात 7000 फ़ीट पे बिताओ ।
दिनमे खूब पैदल चलो , सीढियाँ चढ़ो जिससे कि सांस फूले ।
फिर अगली रात 9000 फ़ीट पे
उसके अगली रात 10- 11,000 पे ।
इस तरह धीरे धीरे 5 – 7 दिन में High Altitude के लिए शरीर को तैयार करो ।
तब स्पीति Valley में Komic और Hikkim में रात बिताने की सोचो ।
पर आपके पास छुट्टी ही 3 दिन की है ।
तो भैया , 3 दिन छुट्टी ले के High Altitude पे मत आओ ।
जाओ , ऋषिकेश घूम आओ ।
अपना निजी अनुभव बताता हूँ ।
मैं और मेरा एक Biker मित्र , हम घर से चले ।
पूरे 5 दिन में शिमला , कल्पा , chitkul , नाको ,ताबो , मुद करते हुए काज़ा पहुंचे ।
अब तक हम 12000 फ़ीट पे रहने के लिये पूरी तरह acclamatized थे ।
क़ाज़ा से आगे हम Hikkim गए , जो 15,500 फ़ीट की ऊंचाई पे है ।
मेरा मित्र बोला , रात यहीं रुकेंगे ।
मैंने कहा नहीं । ये 15,500 फ़ीट पे है ।
हम सिर्फ 13000 फ़ीट लायक acclamatize हैं ।
यहां रात में दिक्कत होगी ।
हमको Langza रुकना चाहिये । वो 14,300 फ़ीट पे है ।
रात में सोते हुए दिक्कत नही होगी ।
मेरा मित्र कुछ Ch type थे ।
अक्खड़ हरियाणवी …… कुछ ना होत्ता ……
हम कहे , तुम करो Chew333इय्यापा …..हम नही करूँगा ….. हम Risk नही लूंगा …… हम हियाँ जिनगी को Enjoy करने आया हूँ , सजा काटने नही ।
मैं Langza आ गया । रात 14,300 फ़ीट पे बिताई ।
रात भर चैन से गहरी नींद सोया । कोई दिक्कत न हुई ।
वही रात अगर Hikkim में सोता तो सारी रात सांस न आती , नींद न आती , सिर फटने लगता ……
पिछले साल एक बेहद अनुभवी , बड़ा पुराना Veteran celebrity Traveller की लद्दाख में AMS के कारण मृत्यु हुई थी । लोगों ने पूछा , इतना अनुभवी इतना पुराना आदमी कैसे मर गया ?
मैंने कहा AMS का अनुभव से कोई संबंध नही ।
आप दो महीना दिल्ली रहे । फिर By Air लेह आ गए ।
वहां हवाईजहाज से उतरे और रात 14000 फ़ीट पे सो गए ।
सुबह फेफड़े में पानी भर गया ।
शाम को फोटो पे माला घल गयी ।
बहुत अच्छे आदमी थे ।
अरे भैया , तुम कितने अनुभवी हो , AMS ये नही पूछेगा ।
वो सिर्फ ये देखेगा कि तुम कितनी ऊंचाई पे घूमने , टहलने सोने के लिये acclamatize हो ।
सीधे ओलंपिक में मत चले जाओ ।
अबे पहले Village , block , तहसील , जिला खेलो , फिर State लड़ो , नेशनल जीतो , तब ओलंपिक में qualifier लड़ो ।
यहाँ ये हाल है कि पाजामे का नाड़ा बांधना आता नही , हमको ओलंपिक लड़ा दो ।
Adventure करना है तो क्रमशः आगे बढ़ो ।
पिछले हफ्ते , केदारकंठा Winter Trekk पे एक लड़के की Pulmonary Edema के कारण दुखद मृत्यु हो गयी ।
लोग बाग discuss कर रहे , दोष किसका है ।
पहला दोष स्वयं victim का जो बिना acclamatization के High Altitude पे गया ।
दूसरा दोष उंस Tour Op का जो बिना acclamatization के उसे वहाँ ले गया ।
3 दिन में ऐसे trekk organize करोगे तो यही होगा ।
दिल्ली से निकलो तो पहले हरिद्वार ऋषिकेश घूम लो ।
फिर धीरे धीरे चढ़ना स्पीति और लेह लद्दाख ।
पहले कुछ साल Platina आ डिस्कवर चला लो , फिर निकालना बुल्ट 500cc …….
100 बात की असली बात ।
The Bike does’nt matter …….
The Rider Matters ……..
हाथी का L लेने से पहले 4 – 6 बार गधे घोड़े के साथ practice कर लेनी चईये ।

Related Articles

Leave a Comment