वाह बिटिया वाह!
तुम जो कोई भी हो, जिस किसी की भी संतति हो.. सनातन के इस सांस्कृतिक प्रवाह पर तुमको वाह! तुम्हारे माता-पिता और उनसे आये संस्कार की जय हो।
ईश्वर करे.. हर बच्चा ऐसे ही सनातन के तीर्थों की यात्रा करे और ऐसी तस्वीरों के माध्यम से खुद को, अपने कुल को, अपने वर्तमान और अपने भविष्य को अपने धर्म रीति रिवाज से जोड़े रखे।
सनातन कोई तालाब नहीं जो सड़ेगा… अविरल प्रवाह है यूँ ही उन्मुक्त बहता रहेगा।
भोलेनाथ तो स्वयं नटराज हैं… हर हर महादेव बेटा…